Thursday, January 16, 2025
Home Blog Page 105

कांजी हाउस में पशुओं पर क्रूरता, बलौदाबाजार में 30 गायों की दर्दनाक मौत

0
Chhattisgarh Balodabazar Lavan Block Village Marda Accident Kanji House Cattle Death
Chhattisgarh Balodabazar Lavan Block Village Marda Accident Kanji House Cattle Death

तीन दिनों से बंद कांजी हाउस के अंदर भूखे-प्यासे मवेशियों की जान चली गई। मवेशियों को बंद कर जिम्मेदारों ने पलट कर नहीं देखा

बलौदाबाजार। मुक मवेशियों को कांजीहाउस में बंद कर जिम्मेदारों ने पलट कर नहीं देखा, इसका नतीजा ये हुआ कि तीन दिनों के अंदर भूखे-प्यासे दो दर्जन से अधिक मवेशियों की जान चली गई। इससे क्षेत्र में बदबू फैल गई, तब आसपास के लोग हड़बड़ाए।

मामला जिले के लवन ब्लॉक के ग्राम मरदा का है। जहां के कांजी हाउस में 30 गायों की दर्दनाक मौत हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार, यहां कांजी हाउस के एक कमरे में बड़ी संख्या में गायों को ठूंस-ठूंस कर रखा गया था, पर यहां उनके लिए किसी तरह के चारे-पानी की व्यवस्था नहीं गई थी।

इस बात की जानकारी जब तहसीलदार को लगी तो वे मौके पर कांजी हाउस पहुंचे और मामले की जांच की। अधिकारी ने पाया कि कांजी हाउस के एक ही कमरे में मवेशियों को बड़ी संख्या में रख दिया गया था, जिससे 30 गायों की मौत हो गई। मवेशियों के प्रति ऐसी क्रूरता की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर भी शुक्रवार को घटनास्थल पहुंचे।

कलेक्टर के पहुंचते ही हड़बड़ाए अधिकारी
घटना स्थल पर कलेक्टर के पहुंचने की सूचना के बाद पूरा प्रशासनिक अमला हड़बड़ा गया। मामले की जांच कर रहे अधिकारी के साथ ही ग्रामीणों से चर्चा की गई। जांच में देखा जा रहा है कि गायों की मौत कैसे हुई। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। कांजी हाउस की व्यवस्था कौन देख रहा है। चारे और पानी की व्यवस्था पर विस्तृत जांच की जा रही है।

कोयला खदान विस्तार के लिए आयोजित जनसुनवाई का पहली बार सीधा प्रसारण

0

अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर में केते कोयला खदान विस्तार के लिए पर्यावरणीय लोक सुनवाई जारी है। जिला प्रशासन की ओर से पहली बार जनसुनवाई का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया (यूट्यूब) पर किया जा रहा है। इसके लिंक को सरगुजा जिला प्रशासन के वेबसाइट पर साझा किया गया है। सुनवाई के दौरान लोग खुलकर अपनी बातें रख रहे हैं।

केते खुली कोयला खदान का आबंटन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी को किया गया है। कंपनी ने कोयला खनन का कार्य आडानी समूह को दिया हुआ है। समूह की ओर से राजस्थान विद्युत उत्पादन कंपनी के लिए उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत स्थित गांव केते के करीब पर्यावरणीय लोक सुनवाई जारी है। आने वाले दिनों में कोयला खनन के लिए कंपनी को खदान विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है।

इसके लिए कंपनी की ओर से पर्यावरणीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया है। सुनवाई में उठने वाले मद्दे को लोग सीधा देख सके और इस पर अपनी राय व्यक्त कर सकें। इसके लिए सरगुजा कलेक्टर ने विशेष पहल की है। पहली बार जनसुनवाई का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया जा रहा है। इसकी अध्यक्षता अपर कलेक्टर सुनील नायक कर रहे हैं। जबकि सुनवाई में क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकरी विजय पोर्ते उपस्थित हैं। सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह जनसुनवाई चल रही है। इसमें शामिल होने के लिए प्रभावित गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं।

बालको के एल्यूमिनियम को भारतीय मानक ब्यूरो ने किया प्रमाणित, ट्रांसमिशन लाइन में इस्तेमाल

0

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बनने वाली 12एमएम वायर रॉड को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रमाणित किया गया है। इस नई प्रमाणित 12एमएम एल्यूमिनियम वायर रॉड के कई विविध उपयोग हैं। मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल व पावर ट्रांस्मिशन में इसका इस्तेमाल किया जाता है। हल्का एवं टिकाऊ होने के साथ रॉड की विद्युत चालकता बेहतर होती है।

वेदांता एल्यूमिनियम भारत एल्यूमिनियम उद्योग की पहली कंपनी है जिसने अपने अनेक एल्यूमिनियम उत्पादों के लिए बीआईएस प्रमाणन हासिल किए हैं। यह नया प्रमाणन बेमिसाल उत्पाद क्वालिटी एवं एल्यूमिनियम उद्योग में निरंतर नवाचार हेतु कंपनी की प्रतिबद्धता का परिचायक है। 12एमएम वायर रॉड के नए बीआईएस प्रमाणन के साथ ही ब्यूरो ने कंपनी की 6 अतिरिक्त उत्पाद श्रेणियों का पुन:प्रमाणन भी किया है।

ईसी इनगॉट, अलॉय इनगॉट, प्राइमरी इनगॉट, रोल्ड शीट, रोल्ड कंडक्टर प्लेट व रोल्ड प्लेट सामान्य इंजीनियरिंग उद्देश्यों के लिए ये सभी कंपनी की बालको इकाई में बनाए जाते हैं। इन प्रमाणनों के साथ वेदांता की बालको यूनिट के पास अब 7 बीआईएस प्रमाणन हो गए हैं जो कुल 17 उत्पादों पर लागू है इससे कंपनी को एल्यूमिनियम बाजार में बहुत फायदा मिलेगा।

बीआईएस प्रमाणन हासिल करने का प्रयास

कंपनी की सक्रियता से बीआईएस प्रमाणन हासिल करने को प्रयासरत है ताकि भारतीय ग्राहकों में भरोसा जागे कि जो एल्यूमिनियम वे खरीद रहे हैं। वह देश के सर्वोच्च गुणवत्ता मानक प्राधिकरण से प्रमाणित है। इसे हासिल करने के लिए वेदांता एल्यूमिनियम मेटल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों को अमल में लाती है।

परिष्कृत प्रक्रियाओं का उपयोग, गहन अनुसंधान एवं विकास तथा उभरती तकनीकी स्टार्टअप व दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ काम करती है। यही कारण है कि आज यह कंपनी लगभग 60 देशों अपने ग्राहकों की पसंदीदा आपूर्तिकर्ता है।

सीईओ ने कहा- यह प्रमाण पत्र हमारी क्वालिटी को दर्शाता है

गुणवत्ता उत्कृष्टता पर कंपनी के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा कि वेदांता एल्यूमिनियम में हम निरंतर ऐसे उत्कृष्टत एल्यूमिनियम उत्पाद प्रस्तुत करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं जो उच्चतम मापदंडों को पूरा कर सकें।

ये बीआईएस प्रमाणन हमारे बेहतर क्वालिटी कंट्रोल और उन्नत उत्पादन तकनीकों को दर्शाते हैं। इन्हीं उत्पादों के बल पर हम विविध उद्योगों एवं वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं दे पाएंगे। हमारे पास ऐसे उत्पादों की विविधतापूर्ण रेंज है जिन्हें उद्योग के मानकों से भी आगे बढ़ जाने के लिए डिजाइन किया गया है।


खेत में काम कर रहे थे मां और बेटा, तेज बारिश से बचने छतरी के नीचे बैठ गए, उसी पर गिर पड़ी बिजली, मौत

0

बलरामपुर। गुरुवार की दोपहर के समय खेतों में काम कर रहे लोगों पर जिले के वाड्रफनगर थाना क्षेत्र के ग्राम शरदपुर (सु) में आकाशीय बिजली गिरी है। उसकी चपेट में आने से मां-बेटे की मौत हो गई। सूचना पर मौके में पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से गांव में मातम पसर गया है।

मृतकों की पहचान मां धनबसिया 62 वर्ष और पुत्र हिमाचल 27 वर्ष के रूप में हुई है। घटना उस समय की है जब दोनों खेतों में काम कर रहे थे और अचानक झमाझम बारिश के साथ आकाशीय बिजली चमकने लगी। बारिश और बिजली से बचने के लिए मां-बेटा एक ही छतरी के नीचे बैठ गए।

इस दौरान आकाशीय बिजली उन पर गिर गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तत्काल उन्हें निजी वाहन से वाड्रफनगर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से गांव में मातम का माहौल है और परिवार के लोग शोक में डूबे हुए हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा से शिवपुराण सुनने आई 9वी की छात्रा लापता, परिजन बोले-अब आपसे ही चमत्कार की उम्मीद

0

रायपुर/भिलाई . भिलाई में शिव महापुराण कथा सुनने आई एक नाबालिग लड़की कथा स्थल से लापता हो गई है। विगत दिनों 25 जुलाई से 31 जुलाई तक भिलाई के जयंती स्टेडियम में पं. प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया था। लापता नाबालिग के परिजनों ने पहले तो कथा स्थल पर ही खोजबीन की। इसके बाद जब नाबालिग नहीं मिली तो पुलिस से शिकायत की।

अपने मां के साथ कथा सुनने आई नाबालिग के कथा स्थल से लापता होने के बाद परिजनों ने पं. प्रदीप मिश्रा से बेटी के मिल जाने के चमत्कार की गुहार लगाई है। परिजनों ने कहा कि पंडित जी कुछ ऐसा चमत्कार कर दी ताकि उनकी बेटी मिल जाए। इधर भिलाई पुलिस ने शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ 137(2) के तहत अपराध दर्ज किया। बच्ची को खोज रही है। अभी तक कुछ पता नहीं चला है।

इससे पहले सिविक सेंटर में आयोजित शिव महापुराण कथा सुनने आए श्रदलुओं के साथ लगातार चेन स्नेचिंग की घटना हो रही है। पुलिस मामले में शिकायत लेकर उन्हें घर चलता करते जा रहे है। जानकारी के मुताबिक अब तक आधा दर्जन चेन स्नेचिंग की घटना भी हुई।

आयुक्त शारदा वर्मा ने प्रदेश के प्राचार्यों की बैठक में कहा, नहीं बढ़ेगी कॉलेज एडमिशन की तारीख

0

अंबिकापुर/रायपुर .उच्च शिक्षा अयुक्त शारदा वर्मा ने गुरुवार को प्रदेश के तमाम शासकीय कॉलेजों के प्राचार्यों की ऑनलाइन बैठक बुलाई। इस बैठक में कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति पर मंथन किया गया। चर्चा में निकलकर आया कि, शहरी कॉलेजों में तो एडमिशन का ग्राफ बेहतर रहा है, लेकिन ग्रामीण कॉलेजों में अधिकतर सीटों पर प्रवेश की स्थिति अच्छी नहीं है। सबसे ज्यादा बीएससी गणित की सीटें खाली पड़ी हैं। इसके अलावा ग्रामीण कॉलेजों में बीए और बीकॉम में भी तय सीटों की क्षमता पूरी नहीं हो पाई है। बैठक में कॉलेजों ने एडमिशन की तिथि को बढ़ाने के संबंध में आयुक्त से आग्रह किया, लेकिन आयुक्त से नई शिक्षा नीति और सेमेस्टर परीक्षा का हवाला देकर एडमिशन तिथि में विस्तार नहीं किए जाने की बात कही। बैठक में आयुक्त ने बताया कि अब सभी कॉलेजों को उच्च शिक्षा विभाग के नए एनएपीएस पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।

क्या है एनएपीएस पोर्टल

इस पोर्टल पर सभी कॉलेजों की जानकारी होगी। इससे उच्च शिक्षा विभाग डेटा बेस तैयार करेगा। इसी आधार पर आगे की रणनीति बनेंगी और विभागीय कामकाज और कॉलेज की सुविधा को दुरुस्त किया जा सकेगा। इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों के नव-प्रवेशित विद्यार्थियों की एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट यानी एबीसी आईडी बनाने के लिए भी कॉलेजों और विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया। आयुक्त ने कहा कि नए सत्र से सभी छात्रों का पंजीयन स्वयं पोर्टल पर किया जाना है, ताकि छात्र वैल्यू एडेट कोर्सेज की पढ़ाई स्वयं पोर्टल के जरिए भी कर सकें। इसके अलावा स्वयं पोर्टल से की गई पढ़ाई और इसकी परीक्षा में मिले अंकों को एबीसी आईडी में भी जोडऩा है।

क्या छत्तीसगढ़ में भी हो रही बेसमेंट में पढ़ाई, शासन ने कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी

0

रायपुर . दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में बीते शनिवार को बड़ा हादसा हुआ। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने से मौत हो गई। यह मामला देशभर में सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई कर रहा है। इसी बीच ुदुर्ग जिला प्रशासन भी एजुकेशन हब भिलाई-दुर्ग के कोचिंग संस्थानों में चल रही कक्षाओं का जायजा लेने में जुट गया है। भिलाई में ही करीब सौ से ज्यादा कोचिंग सेंटर्स है, जो छोटी-छोटी जगहों में बच्चों को ठुंसकर पढ़ाई करा रहे हैं।

दिल्ली जैसा हादसा भिलाई में भी न हो जाए इसके लिए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय टीम गठित कर दी है। जिले में संचालित सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण करने को कहा गया है। टीम को बेसमेंट से लेकर कक्षाओं और उनमें बैठक व्यवस्था व आपात निकासी के इंतजाम भी देखने को कहा है।

जिला स्तरीय निरीक्षण टीम में अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त देवेश धु्रव, नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त मोनिका वर्मा, संयुक्त कलेक्टर मुकेश रावटे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास हेमंत कुमार सिन्हा, जिला सेनानी नगर सेना नागेन्द्र कुमार सिंह एवं सभी थाना प्रभारी शामिल है।

उक्त निरीक्षण टीम ने गुरुवार को जिला मुख्यालय के अंतर्गत संचालित कोचिंग सेंटर आईआई टायन गुरू, वेदांतु लर्निंग सेंटर, एनईई एंड जेईई, मोशन, कोटा स्टडी सर्कल, सिविक सेंटर भिलाई एवं रिसाली स्थित बायजूस, पारख सुपर मार्केट और नेहरू नगर दुर्ग स्थिति फिजिक्स वाला कोचिंग सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया।

संचालित कोचिंग सेंटरो में अनुज्ञा प्राप्त भवन, मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था, फायर सेफ्टि, कोचिंग सेंटर में प्रवेश एवं निकासी, आपात व्यवस्था, लायब्रेरी, सेंटरों में स्वच्छता एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के संबंध में जांच किया गया। जिन कोचिंग सेंटरों में उक्त सुविधा/व्यवस्था की कमी पाई गई, उन संस्थाओं को इसे तुरंत दुरुस्त करने के लिए कहा गया। टीम ने कोचिंग सेंटरों में कोचिंग प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के सुविधा को ध्यान में रखकर किसी भी प्रकार की दुर्घटना एवं आपदा की स्थिति में सुरक्षात्मक उपाय करने के संबंध में कोचिंग संचालकों से जानकारी ली।

Breaking news : इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 7 अगस्त से शुरू होगी DTE की counsling

0

भिलाई . प्रदेश के इंजीनियरिंग, फार्मेसी और पॉलीटेक्निक सहित सभी तरह के टेक्निकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की शुरुआत ७ अगस्त से होगी। काउंसलिंग दो चरण में १५ सितंबर तक जारी रहेगी। काउंसलिंग के दो प्रमुख चरण होंगे। दोनों चरण समाप्त होने के बाद छात्रों को संस्थावार काउंसलिंग (आईएल) के जरिए प्रवेश दिया जा सकेगा।

काउंसलिंग के संबंध में तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने सभी औपचारिक्ताएं पूरी कर ली है। इसको लेकर शुक्रवार को सभी कॉलेजों के जिम्मेदारों की ब्रीफिंग मीटिंग रखी गई है। इस साल की काउंसलिंग में सबसे बड़ा बदलाव यह होने वाला है कि अब बीए, बीकॉम, एमबीबीएस चाहें जिस भी विषय में ग्रेजुएशन किया हो, वह भी अब से मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन यानी एमसीए में दाखिला ले पाएगा। पहले तक सिर्फ बीएससी ग्रेजुएट को ही एमसीए के लिए पात्र माना जाता था, लेकिन इस साल से डीटीई ने काउंसलिंग के पहले नियम में बड़ा बदलाव कर दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को होगा, जिनकी रुचि कम्प्यूटर साइंस में है, लेकिन ग्रेजुएशन के विषयों की वजह से भी इसमें मास्टर्स नहीं कर पाते थे। अब सात अगस्त से शुरू होने जा रही काउंसलिंग में ऐसे छात्र एमसीए की पढ़ाई के लिए आवेदन कर पाएंगे।

कॉलेज स्तर पर दस्तावेज सत्यापन पहले तक जहां छात्रों को काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन कराने डीवीसी सेंटर्स पर जाना होता है। यह व्यवस्था इस बार भी बंद ही रहेगी। कॉलेज अपने स्तर पर दस्तावेजों का सत्याप कराएंगे फिर विश्वविद्यालय नामांकन जारी करने से पहले दस्तावेजों का परीक्षण करेगा। यूजी और पीजी काउंसलिग की तारीखें अलग-अलग होगी। दस्तावेजों में किसी तरह की कमी होने पर विश्वविद्यालय नामांकन के पहले इसकी सूचना विद्यार्थियों एवं उनके कॉलेजों को दे सकता है। साथ ही छात्र का एडमिशन भी निरस्त किया जा सकेगा। किसी भी गैर मान्यता प्राप्त या यूजीसी से डिफॉल्ट विश्वविद्यालय, शिक्षा बोर्ड से स्कूलिंग करने वाले छात्र काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

नई ब्रांच के साथ नए कोर्स

एम.फार्मेसी के विद्यार्थियों को नई ब्रांच फार्मास्यूटिक्स और फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री भी पढ़ाने को मिलेगी। प्रदेश के निजी फार्मो कॉलेज को इस कोर्स के लिए अनुमति दी गई है। इसी तरह वर्किंग प्रोफेशनल जो काम के साथ बीटेक की डिग्री हासिल करना चाहते हैं वे भी बीआईटी दुर्ग से कंप्यूटर साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल में बीटेक कर सकेंगे। इस साल काउंसलिंग के पहले छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्व विद्यालय सीएसवीटीयू ने फार्मेसी के नए कॉलेजों पर शिकंजा कसा है। ऐसे में कुछ कॉलेजों की संबद्धता को होल्ड किया गया है। इसके अलावा इस साल फार्मेसी और इंजीनियरिंग के १२ कॉलेज काउंसलिंग में शामिल नहीं होंगे।

पहली बार सीएस में पढ़ेंगे पर्यावरण

इस साल से कंप्यूटर साइंस के कंबाइंड कोर्स में एक नई ब्रांच ऐड की गई है। पीजी के विद्यार्थियों को कंप्यूटर साइंस के साथ एनवॉयरोमेंट इंजीनियरिंग का विकल्प भी मिलेगा। इसके अलावा अब छात्र इलेक्ट्रानिक्स और कंप्यूटर साइंस को भी साथ-साथ पढ़ सकेंगे। एनवॉयरोमेंट इंजीनियरिंग की १८ सीटों पर प्रवेश मिलेगा। वहीं इलेक्ट्रानिक्स एंड सीएस की ६० सीटों पर प्रवेश मिल सकेगा।
बीआईटी दुर्ग में बीटेक सिविल की ६० सीटें इस साल कम हो जाएंगी। इस कोर्स का इनटेक पहले १२० था, जिसको अब घटाकर ६० कर दिया गया है। इसके अलावा एसएसआईपीएमटी में सीएसएआई की ६० सीटें थी, जिसे बढ़ा कर दोगुना कर दिया गया है। पिछले तीन साल से एआई ब्रांच में बंपर प्रवेश हो रहे हैं।

इधर, सिविल में सीटें घटी

बीआईटी दुर्ग में बीटेक सिविल की 60 सीटें इस साल कम हो जाएंगी। इस कोर्स का इनटेक पहले 120 था, जिसको अब घटाकर ६० कर दिया गया है। इसके अलावा एसएसआईपीएमटी में सीएसएआई की 60 सीटें थी, जिसे बढ़ा कर दोगुना कर दिया गया है। पिछले तीन साल से एआई ब्रांच में बंपर प्रवेश हो रहे हैं।

ये संस्थान हो गए बाहर

भारती कॉलेज दुर्ग और शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस में इस साल इंजीनियरिंग की किसी भी ब्रांच में प्रवेश नहीं होंगे। इनके अलावा कृति इंस्टीट्यूट रायपुर, अशोका इंस्टीट्यूट राजनांदगांव, प्रोफेशनल इंस्टीट्यट रायपुर, गायत्री कॉलेज ऑफ फार्मेसी दंतेवाड़ा को मिलाकर चार फार्मेसी कॉलेज में दाखिलों पर रोक होगी। इन सभी कॉलेजों का सीट इनटेक शून्य रहेगा।

इस साल मुंगेली, सेंदरी बिलासपुर और सूरजपुर में तीन नए फार्मेसी कॉलेज की शुरुआत करने शासन ने मंजूरी दी है। इनमें यूजी और पीजी को मिलाकर 300 नई सीटें दी गई हैं। काउंसलिंग में यह विद्यार्थियों को दिखाई देंगे।

एमबीए का सीट इनटेक इस साल और बढ़ेगा। विद्यार्थियों की रुचि को देखकर एक नया कॉलेज शुरू होने जा रहा है। इनमें एमबीए की  सीटें होंगी। पिछले वर्ष की काउंसलिंग में 1320 सीटें थीं, जो इस साल बढक़र 1440 सीटें मिलेंगी।

वायनाड पहुंचे rahul gandhi, भावुक होकर कहा – आज वैसा ही महसूस हो रहा जैसा पिता की मौत पर हुआ था

0

केरल . वायनाड में हुए भूस्खलन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लैंडस्लाइड की वजह से चार गांव पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और अभी तक 289 लोगों के मारे जाने की खबर है। कांग्रेस नेता एवं वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को केरल पहुंचे।

दोनों ने वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया। पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान राहुल ने कहा कि आज उन्हें वैसा ही महसूस हो रहा है जैसा अपने पिता राजीव गांधी की मौत पर हुआ था। उन्होंने कहा कि मेरी दिलचस्पी इस वक्त राजनीति में नहीं वायनाड के लोगों में हैं।

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘यह वायनाड के लिए, केरल के लिए और देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति को देखने आए हैं। यह देखना दर्दनाक है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है।

राहुल ने कहा, ‘हम मदद करने की कोशिश करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले  उनमें से बहुत से लोग स्थानांतरित होना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और वॉलंटियर्स का धन्यवाद देना चाहता हूं।

राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे लिए यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है। देखते हैं सरकार क्या कहती है।मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर बात करने का समय है। यहां के लोगों को मदद की जरूरत है। अभी समय यह सुनिश्चित करने का है कि सभी को मदद मिले। मेरी इस वक्त राजनीति में दिलचस्पी नहीं है. मेरी दिलचस्पी वायनाड के लोगों में है।

किचन में पल रही थी बीमारी, परोसने रखा था फंगस वाला चिकन और मछली, टीम को मिली बदबूदार मिठाई

0
Bhilai Risali Corporation investigation, hotel bar, spoiled food items, action seized
Bhilai Risali Corporation investigation, hotel bar, spoiled food items, action seized

आज हुई जांच में बार-रेस्टोरेंट में दूषित खाद्य सामाग्री मिलने पर भिलाई रिसाली निगम ने कार्रवाई की है

भिलाई। केवल स्वार्थ में डूबे लोग पैसे के लिए लोगों की जान से खेलने को उतारू हैं। होटल-ढाबे से खराब सामग्री बेचने की लगातार शिकायतें मिल रही है। लोग वहां से खाकर बीमार पड़ने लगे हैं। यह बात खाद्य एवं निगम की टीम की जांच में लगातार सामने आ रही है। आज हुई जांच में बार-रेस्टोरेंट में दूषित खाद्य सामाग्री मिलने पर भिलाई रिसाली निगम ने कार्रवाई की है।

टीम ने संचालक से कुल 16000 जुर्माना वसूला। क्षेत्र के दो बीयर बार में मछली और चिकन में फंगस लगने पर जप्त किया। वहीं एक रेस्टोरेंट में बदबूदार मिठाई को जप्त कर विनिष्टीकरण की कार्रवाई की गई। दुषित खाद्य सामाग्री से होने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए निगम आयुक्त मोनिका वर्मा अभियान चला रही हैं। निगम के अधिकारी सुबह आजाद मार्केट स्थित तिलक डेयरी पहुंचे। यहां पर डेयरी संचालक ऐसी मिठाई को बेचने रखा था, जिसमे से दुर्गन्ध उठ रही थी।

अधिकारी उस समय हतप्रभ रह गए जब ब्लू हैवन बार के भीतर रखे फ्रिजर को खोला। फ्रिजर से फंगस लगे चिकन, मछली और ग्रेवी को जप्त किया गया। इसी तरह अंगूरी बार से भी दूषित खाद्य सामाग्री को जब्त किया गया। बार संचालक दुषित खाद्य सामाग्री को ग्राहक को परोसने रखा था। इस कार्रवाई में राजस्व विभाग प्रभारी संजय वर्मा, अमित चंद्राकर, मंगल कुर्रे, बिरेन्द्र देशमुख, विवेक आदि शामिल थे।

टीम ने दिया अल्टीमेटम
निगम अधिकारियों ने जांच के दौरान बार-रेस्टोरेंट की सफाई को भी चेक किया। किचन की दीवार पर भ_ी से खाना बनाते समय निकलने वाले धुएं डस्ट की मोटी परत पाई गई। जिसे साफ करने 3 दिन का समय दिया है। दोबारा जांच में गंदगी मिलने पर दो गुना अर्थदण्ड वसूल करने की चेतावनी दी गई।

पाया गया डेंगू का खतरा
बार संचालक शराब, कोल्ड्रींक की बोतल को खुले स्थान पर एकत्र कर रखे थे। इन्ही बोतल में बारिश का पानी जमा हो रहा था। निगम के जन स्वास्थ्य विभाग ने पानी भरे बोतल को पहले खाली कराया। बाद में बोतल को उलटकर या फिर ढक्कन लगाकर रखने हिदायत दी। मच्छर का लार्वा मिलने पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई।