Arvind kejriwal: कहा गया है कि केजरीवाल किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और उनके मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय जाने पर पाबंदी रहेगी। वह इस मामले में कोई बयान भी नहीं दे सकते हैं।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक Arvind kejriwal को शुक्रवार को शर्तों के साथ जमानत दे दी।केजरीवाल दिल्ली की शराब नीति मामले में कथित घोटाले को लेकर जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मामले में जमानत दी है।इसे पहले उनको प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में जमानत मिल चुकी थी। कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना अन्यायपूर्ण है।
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Arvind kejriwal को कोर्ट ने क्या कहा?
बार एंड बेंच के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में है। CBI ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गिरफ्तारी क्यों आवश्यक थी और चूंकि न्यायिक आदेश था। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) (3) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। इसलिए गिरफ्तारी वैध थी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था।
किन शर्तों के साथ मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई हैं, जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और उनके मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय जाने पर पाबंदी रहेगी।वह इस मामले में कोई बयान भी नहीं दे सकते हैं। वह मामले में किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी फाइल तक पहुंच नहीं बनाएंगे।उनको जांच में सहयोग करने को कहा गया है।
Arvind kejriwal ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी 2 याचिकाएं
शुक्रवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने आदेश जारी किया। हालांकि, जमानत देने के बावजूद, कोर्ट ने माना कि CBI की गिरफ्तारी वैध और प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप थी।Arvind kejriwal ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 2 अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं थी, जिसमें से एक CBI द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली और दूसरी जमानत की मांग करने वाली याचिका थी।कोर्ट ने पहली याचिका को अस्वीकार कर दिया और दूसरी में जमानत दे दी।
26 जून से जेल में बंद थे केजरीवाल
शराब नीति मामले में ED ने 21 मार्च को Arvind kejriwal को गिरफ्तार किया था। 26 जून को CBI ने भी उन्हें अपने मामले में गिरफ्तार कर लिया।CBI ने उन पर शराब नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितता का आरोप लगाया था।उसके बाद 12 जुलाई को Arvind kejriwal को ED वाले मामले में तो अंतरिम जमानत मिल गई थी, लेकिन CBI के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने लगातार उनकी हिरासत को आगे बढ़ा रहा है।
क्या है शराब नीति का मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई।आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।