Ambikapur labour harrasment अंबिकापुर का एक मजदूर मानव तस्करी का शिकार होते होते बचा। कर्नाटक में काम करने के दौरान मजदूर को बंधक बना लिया गया और मजदूरी तक नहीं दी गयी। मजदूर ने खूब यातनाएं भी सही।
अंबिकापुर। Ambikapur labour harrasment अंबिकापुर का एक मजदूर मानव तस्करी का शिकार होते होते बचा। कर्नाटक में काम करने के दौरान मजदूर को बंधक बना लिया गया और मजदूरी तक नहीं दी गयी। मजदूर ने खूब यातनाएं भी सही। भूखा प्यासा रखा गया।वह किसी तरह भाग कर कटनी पहुंचा और वहां से वह 6 दिन 6 रात पैदल चलकर सीतापुर थाना पहुंचा। मजदूर का नाम संजय तिर्की बताया जा रहा है। जिसको एक व्यक्ति द्वारा अधिक मजदूरी दिलाने का झांसा देकर कर्नाटक ले जाया गया था। वहां बोरवेल गाड़ी में काम करने के लिए लगा दिया गया। बोरवेल संचालक उसे मजदूरी देना तो दूर बल्कि एक बंधक के रूप में रात दिन सिर्फ काम ले रहा था।
पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया
इसी बीच संजय किसी तरह वहां से बोरवेल मालिक के चंगुल से छूटकर ट्रेन के माध्यम से कटनी पहुंचा। Ambikapur labour harrasment इसके बाद वह कटनी से 6 दिन 6 रात पैदल चलकर ग्राम बनेया पहुंचा। ग्राम बनेया निवासी सुशील कुजूर उसे अपने साथ लेकर सीतापुर थाना पहुंचे और पुलिस को पूरा मामला बताया। लगातार पैदल चलने के कारण मजदूर की तबियत खराब हो गई थी। पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
Ambikapur labour harrasment एजेंट की खोजबीन शुरू
सीतापुर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने कहा कि, बनेया गांव का एक ग्रामीण संजय को लेकर थाना आया था। मजदूर संजय मैनपाट थाना क्षेत्र का है। वहां से कोई व्यक्ति उसे काम कराने के लिए कर्नाटक लेकर गया। Ambikapur labour harrasment वहां वह काम कर रहा था पर उसे मजदूरी नहीं दी जा रही थी। वहां से वह भागकर पहुंचा है। वापस लौटे मजदूर का कहना है कि उसे 2 लाख में एजेंट द्वारा बेच दिया गया था। मामले की जांच की जा रही है।