Alumina Plant Accident: बुधवार को सुबह कलेक्टर ने टीम के साथ लिया घटनास्थल का जायजा, प्रबंधन से मिले चेक्स को परिजनों को देगा प्रशासन
अंबिकापुर। Alumina Plant Accident: मां कुदरगढ़ी एल्युमिना प्लांट में 8 सितंबर को हुए हादसे के मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए तत्काल मिलेंगे। प्लांट प्रबंधन ने इनके चेक्स कलेक्टर को सौंप दिए हैं। कलेक्टर बुधवार की सुबह प्लांट पहुंचे थे। यहां तकरीबन आधे घंटे रहने के दौरान उन्होंने प्रबंधन से हादसे को लेकर चर्चा की।
बुधवार की सुबह तकरीबन 9ः30 बजे कलेक्टर विलास भोस्कर संदीपन सिलसिला स्थित मां कुदरगढ़ी एल्युमिना प्लांट (Alumina Plant Accident) पहुंचे। वे यहां लगभग 10 बजे तक रुके। इस दौरान उनके साथ एसडीएम धौरपुर, एसडीओपी सीतापुर, तहसीलदार लुंड्रा एवं रघुनाथपुर भी साथ थे। कलेक्टर के पहुंचने से पहले ही प्रबंधन के आला-अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। प्रबंधन ने कलेक्टर को घटना स्थल का मुआयना कराया।
कलेक्टर ने प्लांट के भीतर अलग-अलग हिस्सों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर ने प्रबंधन को निर्देशित किया कि प्लांट की व्यवस्थाओं में सुधार लाया जाए। जिससे ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो। प्रशासन से बातचीत के बाद (Alumina Plant Accident) मां कुदरगढ़ी एल्युमिना प्लांट प्रबंधन की ओर से जीएम राजकुमार सिंह ने कलेक्टर को मृतकों के परिजनों के लिए 15-15 लाख रुपए के चेक्स दिए। प्रशासन इन्हें मृतकों के परिजनों को भिजवाने की व्यवस्था करेगा।
घायलों को भेजा गया रांची
अपुष्ट खबरें ये भी हैं कि हादसे में घायल हुए व्यक्तियों को इलाज के लिए रांची भेज दिया गया है। मां कुदरगढ़ी एल्युमिना प्लांट के एक कर्मचारी ने बताया कि मंगलवार शाम घायलों के परिजनों ने रांची में इलाज कराए जाने की इच्छा जाहिर की थी। उनकी मांग के बाद प्रबंधन ने घायलों को रांची भेजने की व्यवस्था की थी।
प्रबंधन उठाएगा इलाज का खर्च
मां कुदरगढ़ी एल्युमिना प्लांट घायलों के इलाज का खर्च उठाएगा। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि जिन घायलों को रांची ले जाया गया है, उनके इलाज का खर्च भी प्रबंधन उठाएगा। वहीं घायलों के साथ रहने वाले एक व्यक्ति का खर्च भी प्रबंधन देगा।
Alumina Plant Accident: ये है मामला
सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सिलसिला में मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना हाइड्रेट प्लांट का संचालन किया जा रहा है। 8 सितंबर को सुबह की शिफ्ट में कोयला बंकर के नीचे 10 मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बंकर व करीब 150 फीट का बॉयलर मजदूरों पर गिर गया था। इसमें 7 मजदूर दब गए थे।
करीब 5-6 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दबे मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया था। इसमें से 4 मजदूरों की मौत हो गई थी। जबकि एक को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया है, वहीं 2 मजदूरों को मामूली चोट आने पर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
Alumina plant accident: लापरवाही की बात आ रही सामने
हादसे के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा लापरवाही की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि प्लांट में सैफ्टी मैनेजर जैसा महत्वपूर्ण पद ही नहीं है। ऐसे में हादसे के बाद प्लांट में कार्यरत अन्य मजदूरों व इंजीनियरों द्वारा ही मशक्कत कर दबे मजदूरों को बाहर निकाला गया। जबकि इन्हें रेस्क्यू कार्य का इतना अनुभव भी नहीं था।
इसके अलावा यह बात भी कही जा रही है कि बॉक्साइट को गलाने पूर्व में बॉयलर में कोयले व भूसे का मिक्स डाला जाता था। लेकिन 1 सितंबर से इसमें सिर्फ कोयले का ही उपयोग किया जा रहा था। ऐसे में ब्रायलर पर ओवरलोड पडऩे की वजह से हादसा होने की आशंका जताई जा रही है।