Akshat Agrawal murder case: हत्याकांड की सच्चाई जानने सरगुजा एसपी ने टेस्ट कराने कोर्ट में दिया था आवेदन, हत्याकांड के 4 महीने बाद गुजरात के गांधीनगर में हुआ टेस्ट
अंबिकापुर। 20 अगस्त 2024 को हुए शहर के बहुचर्चित अक्षत अग्रवाल हत्याकांड (Akshat Agrawal murder case) के आरोपी संजीव मंडल उर्फ भानू बंगाली का नार्को, ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट पूरा हो गया है। 2 दिन पहले ही गुजरात के गांधीनगर में उसका ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया गया। हालांकि इसकी रिपोर्ट का अभी इंतजार है। अक्षत अग्रवाल की हत्या की सच्चाई जानने एसपी ने कोर्ट में आवेदन देकर तीनों टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद तीनों टेस्ट कराए गए।
शहर के मनेंद्रगढ़ रोड निवासी अक्षत अग्रवाल की 20 अगस्त की गोली मारकर हत्या (Akshat Agrawal murder case) कर दी गई थी। हत्या के आरोपी भगवानपुर निवासी संजीव मंडल उर्फ भानू बंगाली को पुलिस (Surguja police) ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पूछताछ में उसने अक्षत अग्रवाल द्वारा खुद गोली मारने की सुपारी देने की बात कही थी। यह बात न तो अक्षत के परिजनों व शहरवासियों के गले ही उतर रही थी।
पुलिस के लिए भी यह गले की हड्डी बन चुकी थी। मामले का खुलासा करने और पूछताछ के लिए पुलिस ने उसे 5 दिन की रिमांड पर लिया था। लेकिन वह अपनी ही बात पर अडिग था। वहीं हर कोई यह जानना चाह रहा था कि अक्षत ने आखिर खुद की सुपारी क्यों दी?
पुलिस पर भी मामले का खुलासा करने का दबाव बढ़ रहा था। इसे देखते हुए सरगुजा एसपी योगेश पटेल ने आरोपी भानु बंगाली उर्फ संजीव मंडल का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्ट टेस्ट कराने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। आरोपी का नार्को टेस्ट छत्तीसगढ़ में ही हुआ, जबकि 3 दिन पूर्व ही ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्ट टेस्ट गुजरात के गांधीनगर स्थित एफएसएल में किया गया।
Akshat Agrawal murder case: जानिए, क्या था हत्याकांड का मामला
अंबिकापुर के मनेंद्रगढ़ मार्ग स्थित अंबिका स्टील के संचालक महेश केडिया के पुत्र अक्षत अग्रवाल की 20 अगस्त को भगवानपुर निवासी संजीव मंडल उर्फ भानू बंगाली ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 21 अगस्त की सुबह उसकी लाश शहर से लगे खलिबा के जंगल में कार के भीतर मिली थी।
अक्षत (Akshat Agrawal murder case) के परिजनों और उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने भानु बंगाली को गिरफ्तार किया था। उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था। पुलिस को उसने बताया था कि उसने अक्षत के सीने में 3 गोलियां मारी हैं। उसने ये भी बताया कि अक्षत ने ही उसे अपनी हत्या करने की सुपारी दी थी।
इसके बदले अक्षत ने उसे 50 हजार रुपए व सोने की चेन दी थी। उसने यह भी बताया था कि अक्षत खुद पिस्टल व कारतूस लेकर आया था। पुलिस ने आरोपी के पास से 50 हजार रुपए, 3 महंगी पिस्टल व 31 जिंदा कारतूस भी बरामद किए थे। ये पिस्टल कहां से आए, इसका पता पुलिस अब तक नहीं लगा पाई है।
परिजनों से भी हुई थी पूछताछ, सीसीटीवी मिला था बंद
हत्याकांड (Akshat Agrawal murder case) की सच्चाई जानने पुलिस ने अक्षत के परिजनों से भी पूछताछ की थी। घटना दिवस का घर का सीसीटीवी कैमरा पुलिस को बंद मिला था। परिजनों का कहना था कि बारिश की वजह से कैमरा खराब हो गया था। वहीं मृतक के पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की किसी साजिश के तहत हत्या की गई है। वह जमीन का कारोबार करना चाहता था, चूंकि आरोपी भानू बंगाली उनका पूर्व कर्मचारी रह चुका था, वह जमीन का भी कारोबार करता था। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।