Ajab-Gajab Demand: जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का आयोजन साय सरकार पूरे प्रदेश में कर रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक आवेदन की तस्वीर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें पत्नी को वापस दिलाने की मांग की है।
बलरामपुर। Ajab-Gajab Demand: जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे सीधे मुलाकात के लिए साय सरकार पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार का आयोजन कर रही है। इस आयोजन के जरिए गांवों और शहरी क्षेत्र में स्थानीय समस्याएं, शिकायत एवं मांगों को लेकर समाधान पेटी रखकर लोगों से आवेदन लिया जा रहे हैं। सुशासन तिहार के तहत 8 अप्रैल से लगाए जा रहे शिविरों में अजीब मांग वाले आवेदन भी मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके आवेदन की तस्वीरें जमकर वायरल भी हो रही है।
दरअसल, सुशासन तिहार के दौरान बलरामपुर से ऐसे ही अजीबो-गरीब डिमांड का एक पत्र सामने आया है, जिसमें शख्स ने अपनी पत्नी वापस दिलाने की मांग की है। इस पत्र के जरिए पति ने कहा कि चूमरा गांव की सरपंच असगर शाह नाम के व्यक्ति के साथ रहती है, जो कि पूर्व में मेरी पत्नी थी। लेकिन अभी वह असगर के साथ रहती है। अत: शासन से निवेदन है कि मेरी पत्नी को वापस दिलाए।
देखें वायरल आवेदन

ससुराल जाने में होती है परेशानी, बाइक दिलवा दीजिए साहब…
ज्ञात हो कि ये पहला मामला नहीं है जब सुशासन तिहार के दौरान लोगों ने ऐसी डिमांड रखी है। इससे पहले किसी ने ससुराल जाने के लिए मोटरसाइकिल की मांग की थी। दरअसल, अंबिकापुर जिले के मैनपाट विकासखंड के कदनई ग्राम पंचायत के रहने वाले अंगेश कुमार ठाकुर ने 10 अप्रैल को सुशासन तिहार के अंतर्गत आवेदन देकर मोटरसाइकिल दिलाने की मांग की है। आवेदन में उन्होंने लिखा है कि ससुराल और हाट बाजार जाने के लिए मुझे एक मोटरसाइकिल की आवश्यकता है। क्योंकि मेरे गांव से मेरा ससुराल और बाजार दूर है। मेरी गरीबी हालत को देखकर मुझे 1 नग मोटरसाइकिल प्रदान करें।
जानें क्या है ‘सुशासन तिहार 2025 का मुख्य उद्देश्य
बता दें कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शासन और नागरिकों के बीच पारदर्शी संवाद स्थापित करना है। समाधान पेटी और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त आवेदनों का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में किया जाएगा। साथ ही, इन आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए दो पालियों में कंप्यूटर ऑपरेटरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। सभी जनपद कार्यालयों में पर्याप्त कंप्यूटर संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
समाधान शिविर 5 मई से 31 मई तक
प्रत्येक आवेदन की पावती दी जाएगी और संबंधित विभाग एक माह के भीतर समाधान सुनिश्चित करेगा। इसके पश्चात 5 मई से 31 मई तक जिलेभर में समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर मौके पर ही निराकरण किया जाएगा, लेकिन देखना होगा कि समाधान शिविर कितना कारगर साबित हो पाएगा।