EDUCATION DESK . छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से प्री इंजीनियरिंग टेस्ट यानी पीईटी के नतीजे जारी होने के बाद अगस्त में काउंसलिंग का आगाज होगा। इस साल तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश ग्राफ बेहतर रहने की उम्मीद है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि कंप्यूटर साइंस का क्रेज बूम पर है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाद सबसे ज्यादा रुझान साइबर सिक्योरिटी की तरफ है। जब इंडस्ट्रीज में भी इस कोर्स के एक्सपर्ट की खूब डिमांड है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में अब रोजगार की संभावनाएं बढ़ गई है। बीते दो साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में सबसे ज्यादा कंप्यूटर साइंस से जुड़े ब्रान्च और फिर माइनिंग में बीटेक पसंदीदा ब्रांच बना हुआ है। इसके साथ ही बीटेक एग्रीकल्चर भी इंजीनियरिंग का हॉट केक ब्रांच है।
इस साल होगा बेहतर प्रवेश
बीते साल इंजीनियरिंग की काउंसलिंग के बाद बीटेक ब्रांचेस में 48.80 फीसदी एडमिशन हुए थे। यह आंकड़ा इस साल और बढ़ेगा। इसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों ने खुद को अपग्रेड किया है। बेहतर फैकल्टी और प्रयोगशालाओं के साथ स्टूडेंट्स को अच्छा प्लेसमेंट देने की कोशिश होगी।
नियम में हुए तीन बड़े बदलाव
- शून्य पर भी प्रवेश – काउंसलिंग के नए नियम से पीईटी की परीक्षा में शून्य अंक वाले छात्रों को भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन मिल सकेगा। पहले 10 फीसदी अंक जरूरी थे।
- डीवीसी सेंटर बंद – इस साल आपको सिर्फ काउंसलिंग का रजिस्ट्रेशन करना होगा। दस्तावेज सत्यापन केंद्र जाने जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इस साल से डीवीसी बंद किया गया है।
- आयु का बंधन नहीं – इंजीनियरिंग सहित तमाम संकायों में प्रवेश के लिए पहले एक निश्चित आयु सीमा का बंधन होता था, जिसे अब हटा दिया गया है। यानी अब आपकी आयु 19 वर्ष है या 79 आप एडमिशन ले सकेंगे।
माइनिंग में लड़कियां आगे
प्रदेश में माइनिंग इंजीनियरिंग के लिए लड़कियों को भी पात्रता दे दी गई हैं। अब छात्राएं भी माइनिंग एक्सपर्ट बनकर खदानों की महारत हासिल करेंगी। पहले तक माइनिंग इंजीनियरिंग में सिर्फ लडक़ों को एडमिशन दिया जाता था, जिसको सरकार ने बदलते हुए इसमें लड़कियों को भी बराबर का हकदार माना और उनके लिए एडमिशन की राहें खोली हैं। प्रदेश में माइनिंग इंजीनियरिंग बिलासपुर जीईसी, जगदलपुर जीईसी और भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में संचालित हैं, जिसको हर साल शानदार रिस्पॉंस मिल रहा है।
इस तरह हैं सीटें
- इंजीनियरिंग – 10414
- पॉलीटेक्निक – 8224
- एमसीए – 482
- एमबीए – 1320
- फार्मेसी – 6238