Thursday, November 21, 2024

ACB action Chhattisgarh :  आपका काम करवा दूंगा, बदले में दो लाख नीचे से देने होंगे…, सौदा तय हुआ मगर पैसे नहीं ले पाए क्यों ACB ने रंगे हाथों धर लिया, तीन अधिकारी गिरफ्तार

ACB action Chhattisgarh एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को रायपुर और कोरबा की एसीबी टीमों ने गिरफ्तार किया है। रिश्वत की राशि 1 लाख रुपये से अधिक थी।

रायपुरACB action Chhattisgarh एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्‍वतखोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी की अधिकारियों ने रिश्‍वत लेते दो अफसरों और एक पटवारी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह और राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा शामिल हैं। ACB action Chhattisgarh एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को रायपुर और कोरबा की एसीबी टीमों ने गिरफ्तार किया है। रिश्वत की राशि 1 लाख रुपये से अधिक थी।

ACB action Chhattisgarh दो लाख की रिश्वत की मांग

ACB ने इंद्रावती भवन में मछली पालन विभाग के संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। ACB action Chhattisgarh दरअसल, जांजगीर-चांपा के मत्स्य पालन विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत नरेंद्र कुमार श्रीवास से संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात देव कुमार सिंह ने विभागीय कार्य को निपटाने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। ACB action Chhattisgarh जिसके बाद नरेंद्र कुमार श्रीवास ने देव कुमार सिंह के खिलाफ ACB में शिकायत दर्ज कराई थी।

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भूमि सीमांकन कार्य के लिए 15 हजार की मांग

एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि देव कुमार सिंह को नवा रायपुर के इंद्रावती भवन स्थित उनके कार्यालय में एक लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया। ACB action Chhattisgarh वहीं कोरबा जिले के राजस्व निरीक्षक अश्विनी राठौड़ और पटवारी धीरेंद्र लता को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों भूमि सीमांकन कार्य करने के लिए एक व्यक्ति से 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

एसीबी ने तीन अधिकारियों को किया गिरफ्तार

एसीबी ACB action Chhattisgarh ने बताया कि राठौड़ ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम लता को सौंपने के लिए कहा था। दोनों रिश्वत की मांग को घटाकर 13,000 रुपये पर सहमत हुए। उन्हें शिकायतकर्ता से 5,000 रुपये पहले ही मिल चुके थे। वहीं बुधवार को 8000 रुपये की राशि लेते हुए पकड़ा गया था। तीनों अधिकारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

sankalp
Aadhunik

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