Tiger rescue: रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा के 3 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने किया रेस्क्यू, रेलवे ट्रैक के आसपास कर रही थी विचरण
एमसीबी। एमसीबी जिले के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में सप्ताह भर से विचरण कर रही बाघिन को वन विभाग के 3 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया। फिर बेहोशी की हालत में उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व ले जाया गया। यहां उसे सुरक्षित (Tiger rescue) जंगल में छोड़ दिया गया। मादा भाग के पकड़े जाने से शहरी क्षेत्र के लोगों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं बाघिन को भी सुरक्षित कर लिया गया। क्योंकि वह रेलवे ट्रैक के आस पास घूम रही थी, इससे उसके ट्रेन की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा था। वह गर्भवती भी है।
गौरतलब है कि मादा बाघ के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र से लगे जंगल में पहुंच जाने से लोग भयभीत थे। मादा बाघ (Tiger rescue) ने यहां पहुंचते ही गाय का शिकार किया था। वहीं सप्ताह भर से नगर निगम क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के आस-पास उसे देखा जा रहा था। ऐसे में उसके ट्रेन से कटने की आशंका जताई जा रही थी।
इसे लेकर वन विभाग द्वारा रेलवे को पत्र लिखा गया था। ऐसे में रेलवे की एक टीम भी उसकी निगरानी में लगी हुई थी। इसी बीच वन विभाग की टीम ने उसका रेस्क्यू करने की योजना बनाई, ताकि बाघ (Tiger rescue) और लोगों को सुरक्षित किया जा सके।
इसी कड़ी में सोमवार को सरगुजा से वन संरक्षक वन्य प्राणी केआर बढ़ई की अगुवाई में बाघिन को रेस्क्यू करने कानन पेंडारी से डॉ पीके चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेसक्यू सेंटर से डॉ अजीत पांडेय व जंगल सफारी रायपुर से डॉ वर्मा पहुंचे थे। उनकी निगरानी में सोमवार की शाम करीब 4 बजे बाधिन को ट्रेंकुलाइज किया गया।
बाघिन का जिस समय रेस्क्यू (Tiger rescue) किया जा रहा था, वह मादा नगर निगम चिरमिरी के हल्दीबाड़ी बघनच्चा दफाई के पास जंगल में मौजूद थी। जब वह बेहोश हो गई तो वन विभाग की टीम द्वारा उसे फिर उसे पिंजरे में रखकर ले जाया।
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Tiger rescue: बाघिन को देखने उमड़े लोग
विशेषज्ञों द्वारा ट्रैक्यूलाइज (Tiger rescue) किए जाने के बाद बाघिन को देखने बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई लोगों ने इस मौके का वीडियो और फोटो भी अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया।
अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया
बाघिन को वाहन में रखकर विभाग द्वारा अचानकमार टाइगर रिजर्व ले जाया गया। यहां रात में उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। इस संबंध में वन संरक्षक वन्य प्राणी सरगुजा केआर बढ़ई का कहना है कि बाघिन का रेस्क्यू करने रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा से एक्सपर्ट डॉक्टर आए थे।
उनकी निगरानी में ट्रैकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू (Tiger rescue) किया गया। वन मुख्यालय रायपुर के निर्देश पर उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में छोड़ा गया है।