Thursday, December 5, 2024

Elephant eat potas: शिकारियों ने बिछाया जाल, इसमें रखा पोटास बम हाथी के बच्चे ने निगला, झुंड ने तिरस्कार कर दिया, अब अकेले ही रहना होगा, हालात नाजुक, क्योंकि…

Elephant eat potas आज इलाज के दौरान सीसीएफ अधिकारी ने घायल हाथी के बच्चे का नामकरण किया है। उन्होंने ने बच्चे का नाम अघन रखा है।

गरियाबंद। Elephant eat potas शिकारीयों के पोटाश बम से घायल हुए हाथी के शावक की हालत पिछले 25 दिन में बिगड़ी हुई है, पर अब हाथी के बच्चे स्वस्थ में सुधार आते दिख रहा है  वही आज इलाज के दौरान सीसीएफ अधिकारी ने घायल हाथी के बच्चे का नामकरण किया है। उन्होंने ने बच्चे का नाम अघन रखा है।

Elephant eat potas दी जा रही एंटीबायोटिक दवाइयां

Elephant eat potas आपको बता दे वन्यजीव विशेषज्ञ चिकित्सक बीमार शावक को ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर उसका उपचार कर रहे हैं। एंटीबायोटिक,एंटीफंगल, एंटीमैगेट के इंजेक्शन देने के साथ-साथ उसे ड्रिप चढ़ा कर दवाइयां दी जा रही है। Elephant eat potas साथ ही शावक की स्थिति अगर नहीं सुधरती है तो उसे रायपुर के जंगल सफारी ले जाकर वहां उसका इलाज करने की भी तैयारी उदंती सीतानदी वन प्रशासन कर रहा है।

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झुंड ने अकेला छोड़ दिया

पोटाश बम से घायल हुए हाथी के शावक की लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर हाथियो का झुंड और उसकी मां ने भी उसे अकेला छोड़ दिया है, Elephant eat potas वन विभाग बीमार बच्चे के इलाज के लिए अब रेस्क्यू अभियान चला रहा है, वन प्रशासन के सामने एक बड़ी समस्या यह भी है कि अगर बच्चे की स्थिति ठीक भी होती है तो उसका झुंड फिलहाल शावक को छोड़कर 80 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले के आमामोरा के पहाड़ पर चढ़ चुका है, जिससे शावक का झुंड में वापस Elephant eat potas जाकर शामिल नहीं हो पाएंगा, इसे लेकर वन विभाग भी चिंतित हैं, वहीं वन विभाग ने पोटाश बम फेंकने वाले शिकारी की तलाश भी तेज कर दी है।

sankalp
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