Millet Year की Brand Ambassador लहरी बाई आदिवासी जनजाति की इस महिला ने बनाया 150 दुर्लभ बीजों का बैंक।

अपनी दादी से प्रेरित होकर डिंडोरी जिले के सिलपाड़ी के सुदूर गांव की रहने वाली लहरी ने 18 साल की उम्र में मोटे अनाज की बीज इकट्ठा करना शुरू किया।

वह मूल रूप से बैगा आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं जो मध्य प्रदेश में  विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह है।

लहरी बाई आसपास के गांव में घूम-घूमकर जंगलों और खेतों से दुर्लभ बीच इकट्ठा करती हैं। 

इस तरह आज 28 वर्षीय लहरी के पास 150 तरह के अनाजों का एक बीज बैंक बन चुका है। जो इनकी मेहनत को दर्शाती है।

लहरी अपने गांव में दो कमरे के मिट्टी के घर में रहती है जिसमें से एक कमरा उन्होंने इन बीजों के लिए रिजर्व रखा है।

इन बीजों को बचाए रखने के लिए वह समय-समय पर इनकी खेती भी करती है।इस जनजाति के लोग पर्यावरण  जैव विविधता का गहरा ज्ञान रखते हैं।

उनके प्रयासों को देखते हुए भारतीय सरकार ने उन्हें 2023 में Millet Brand Ambassador घोषित किया।

युवाओं की प्रेरणा है लहरी बाई।