10 साल के चेंदरू और बाघ की दोस्ती जीत लाई थी Oscar पढिये बस्तर के इस Tiger boy की कहानी।
अबूझमाड़ के घनघोर जंगल में आदिवासियों की विभिन्न जनजाति के लोग आज भी हैं जो अपनी बहादुरी के किस्से के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। उनमें से ही एक थे छत्तीसगढ़ के 'The Tiger Boy Chendru'
देखते ही देखते चेंदरू और टेम्बू की दोस्ती की बात गाँव-गाँव में फैलने लगी और विदेश तक पहुंच गई।
60 के दशक में फ्रांस, स्वीडन, ब्रिटेन और दुनिया के कोने-कोने से लोग सिर्फ उनकी एक झलक देखने और चेंदरू के साथ एक तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने के लिए बस्तर पहुंचते थे।
स्वीडन के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर अरेन सक्सडॉर्फ ने गाँव में 1 साल रहकर Film की शूटिंग की और इसे नाम दिया 'The Jungle Saga'
नारायणपुर जिले के गढ़बेंगाल गाँव का रहने वाला यह आदिवासी लड़का अब पूरी दुनिया में टाइगर बॉय और मोगली के नाम से जाना जाता है।
यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सफल रही 1997 में इसे Oscar Award भी मिला। इस तरह चेंदरू व टेम्बू की दोस्ती अमर हो गई।
2013 में 78 साल की उम्र में चेंदरु का निधन हो गया, लेकिन बाघ और चेंदरू की दोस्ती की कहानी आज भी मशहूर है।
उनके चले जाने के बाद राजधानी रायपुर में जंगल सफारी में टेम्बू और चेंदरु की मूर्ति स्थापित की गई साथ ही नारायणपुर में चेंदरु के नाम पर पार्क भी मौजूद है।