Gyanvaapi मस्जिद केस में वाराणसी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए व्यास तहखाने की छत पर नमाज पढ़ने से रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है।
वाराणसी । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी Gyanvaapi मस्जिद मामले में शुक्रवार को हिंदू पक्ष को झटका लगा है। वाराणसी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए व्यास तहखाने की छत पर नमाज पढ़ने से रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने तहखाने में मरम्मत कराने की मंजूरी देने से भी मना कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद अब Gyanvaapi में नमाज के लिए लोग इकट्ठा हो सकते हैं।
जिलाधिकारी को भी मरम्मत कराने से रोका
सिविल न्यायाधीश सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तहखाने में चल रही पूजा को यथावत जारी रखा है।हालांकि, उन्होंने तहखाने के कस्टोडियन जिलाधिकारी वाराणसी को Gyanvaapi भी तहखाने की किसी प्रकार की मरम्मत कराने से मना किया है।सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण स्थानीय कोर्ट ने यथास्थिति को बनाए रखा है और याचिका को अस्वीकार किया है। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की Gyanvaapi आपत्ति से जुड़ा मामला लंबित है।
Gyanvaapi क्या है तहखाने की छत पर नमाज पढ़ने का विवाद?
31 जनवरी 2024 को वाराणसी कोर्ट ने व्यासजी Gyanvaapi तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ की अनुमति दी थी, जिसके बाद तहखाने का ताला 31 साल बाद खुला और यहां पूजा हुई।इससे पहले से यहां तहखाने की छत पर नमाज पढ़ी जाती है। ऐसे में लखनऊ जन उद्धोष सेवा संस्था की ओर से याचिका दायर कर नमाज पर रोक लगाने की मांग की गई थी।तर्क दिया गया था कि छत जर्जर है। इसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था।