Thursday, November 21, 2024

Himanta Biswa Sarma ने 1937 से चली आ रही जुमा नमाज ब्रेक पर लगाई रोक, ऊपर से ये बयान और दे दिया, देशभर में बवाल जारी

Himanta Biswa Sarma: असम में 1937 से शुरू जुमा की नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के सरकारी कर्मचारियों को 2 घंटे की छुट्टी का नियम अब सोमवार से खत्म कर दिया जाएगा। इसको लेकर पहले ही देशभर में बीजेपी को एंटी मुस्लिम के टैग से जोड़कर देखा जा रहा था। इसी बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा था कि वह पक्षपात करेंगे और मियां मुसलमानों Himanta Biswa Sarma को राज्य पर कब्जा नहीं करने देंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिमंत बिस्वा सरमा नागांव में 14 साल की लड़की के साथ रेप के बारे में राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी पार्टियों के जरिए लाए गए स्थगन प्रस्तावों पर विधानसभा में बोल रहे थे।

यह भी पढ़ें : Accident in mine area: तीज पर घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने खदान गईं महिलाएं, अचानक धस गई जमीन, 1 की मौके पर मौत, 2 गंभीर रूप से घायल

इसी दौरान उन्होंने यह बातें कही थीं। अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मियां मुस्लिम संबंधी बयान की जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने निंदा की है। Himanta Biswa Sarma  इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ से मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक सिद्धांतों के साथ खुला विश्वासघात है। उन्होंने सीएम सरमा की टिप्पणी को मतभेद पैदा करने वाला बताया।

Himanta Biswa Sarma के बयान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की निंदा

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने सीजेआई, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। Himanta Biswa Sarma इसमें असम के सीएम के द्वारा की गई टिप्पणियों का भी जिक्र है और उनसे तुरंत कार्रवाई की मांग की है। जमीयत चीफ ने सरमा के हाल ही में की गई मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों पर गंभीर चिंता जाहिर की है।

यह भी पढ़ें : Girl child rape and murder: साढ़े 3 साल की बच्ची से बलात्कार की कोशिश, फिर गला दबाकर मार डाला, अंतिम सांस तक मिली जेल

Himanta Biswa Sarma पर कार्रवाई की मांग

मदनी ने जोर देकर कहा कि ये बयान ना केवल गलत है बल्कि संविधान के सिद्धांत के साथ घोर विश्वासघात भी है। उन्होंने चीफ जस्टिस से इन टिप्पणियों पर रोक लगाने के लिए संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। Himanta Biswa Sarma जमीयत के बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सरमा इन जिम्मेदारियों की अनदेखी कर रहे हैं। हाल ही में विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने बेशर्मी से घोषणा की थी कि मैं एक पक्ष लूंगा, यह मेरी विचारधारा है और आगे कहा कि मैं मिया मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने दूंगा।

बंगाली मुसलमानों को क्षेत्र खाली करने धमकी

जमीयत ने यह भी दावा किया कि सरमा का यह बयान ऐसे टाइम पर आया है जब ऊपरी असम में उपद्रवियों के 30 से ज्यादा ग्रुप ने बंगाली मुसलमानों को क्षेत्र खाली करने के लिए धमकी दी है। Himanta Biswa Sarma उन्होंने वार्निंग दी कि सरमा के बयानों से सामाजिक अशांति बढ़ने की संभावना ज्यादा है। बयान में कहा गया कि इसके अलावा मदनी ने कहा कि भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों को मियां बुलाकर सीएम ने उन्हें दूसरे दर्जे के नागरिक का दर्जा देने की कोशिश की है।

sankalp
Aadhunik

Related articles

Shubham
Mishra Sweets