0 रिसर्च में दावा किया गया है कि रोना भी शरीर के लिए है फायदेमंद, रोने की होनी चाहिए सच्ची भावनाएं, बेवजह रोने से नहीं होगा फायदा
किसी इंसान को कोई बिछड़ जाता है या वह काफी दुखी होता है तो वह रोने लगता है। यदि उसकी भावनाएं आहत होती हैं तो वह रोता है। वहीं यदि कोई बड़ी खुशखबरी मिलती है तो भी वह रोने लगता है। इसे खुशी के आंसू कहते हैं। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि रोने के भी फायदे हैं। रोने से शरीर का वजन तेजी से घटता है, लेकिन रोने की भावनाएं सच्ची होनी चाहिए। बेवजह रोने से लाभ नहीं होता है। रोने से तनाव पैदा करने वाले हॉर्मोन्स भी शरीर से निकल जाते हैं, इससे आप तनाव मुक्त रहते हैं। रोने का भी एक सही समय होता है।
एक रिसर्च में दावा किया गया है कि रोना शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। सच्ची भावनाओं के साथ रोना शरीर में मौजूद ‘फैट’ (मोटापा) को कम करता है। इससे शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थ निकल जाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इमोशनल होने से हमारे शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, यह इमोशन यदि आंसू के रूप में निकलते हैं तो कोर्टिसोल स्तर बढऩे से शरीर का वजन कम होता है।
शाम 7 से रात 10 बजे तक रोने का है सही समय
एक जैव रसायन वैज्ञानिक ने इस सिद्धांत का समर्थन किया है कि रोने से आपके शरीर के जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। वहीं सबसे खास दावा ये है कि शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच रोने से शरीर का वजन तेजी से कम होता है।
रोने की होनी चाहिए सच्ची भावनाएं
रिसर्च में बताया गया है कि जब हम आंसू बहाते हैं तो हमारा शरीर फैट को स्टोर नहीं रख पाता है। ऐसे में शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स निकल जाते हैं। इससे आप तनावमुक्त भी रहते हैं। यदि आप अपना वजन कम करने के लिए ऊपर दी गई टाइमिंग में बेवजह रोते हैं तो इसका फायदा नहीं मिलेगा। रोने की भावनाएं सच्ची होनी चाहिए।