Friday, November 22, 2024

New pharmacy rule : छत्तीसगढ़ के 9000 फार्मेसी डिग्री होल्डर्स को झटका, फार्मासिस्ट कहलाने अब डी.फार्मेसी की पढ़ाई के बाद भी देना होगा एग्जिट टेस्ट, इसके बाद ही कर पाएंगे प्रैक्टिस


New pharmacy rule : . डिप्लोमा इन फार्मेसी यानी डी.फार्मा करने वाले विद्यार्थियों को इस साल एग्जिट एग्जाम भी देना होगा। जिस तरह अभी तक विदेशों से एमबीबीएस करके लौटने वाले विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई साबित करने एग्जिट एग्जाम देना होता है, ठीक वैसा ही इम्तेहान डी.फार्मेसी के विद्यार्थियों का भी कराया जाएगा। इसके संबंध में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्सामिनेशंस इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) ने फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन (डीपीईई) की घोषणा कर दी है। एग्जिट एग्जाम 3 से 5 अक्टूबर तक कराई जाएगी। इस परीक्षा में ट्विनसिटी के 2390 विद्यार्थियों के साथ प्रदेशभर के करीब 9 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे।New pharmacy rule एग्जिट एग्जाम के लिए आवेदन 24 अगस्त से शुरू ऑनलाइन भरने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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छात्रों को 13 सितंबर तक अपना आवेदन जमा करने को कहा गया है। बोर्ड ने कहना है कि ऐसे छात्र जो आवेदन के साथ परीक्षा शुल्क जमा करेंगे, वे आवेदन में 16 से 18 सितंबर तक बदलाव कर सकेंगे। वहीं 24 और 25 सितंबर त्रृटि सुधार करने आखिरी दो दिन मिलेंगे। खास बात यह भी है कि आवेदन शुल्क 5 हजार रुपए है, जिसपर विद्यार्थी को 900 रुपए जीएसटी भी देना होगा। इस तरह शुल्क 5900 हो जाएगा। New pharmacy rule आवेदन जमा करने वाले विद्यार्थी 30 सितंबर तक अपना प्रवेशपत्र निकाल सकेंगे। अभ्यर्थियों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा से परिचित कराने एक डेमो टेस्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसका रिजल्ट 20 सितंबर से शुरू होगा। वहीं मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के नतीजे ४ नवंबर को आएंगे।

New pharmacy rule इसी साल से किया गया लागू

डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जाम को इसी साल से प्रदेश में लागू किया गया है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को ही छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट के रूप में पंजीयन के लिए पात्र माना जाएगा। हालांकि इस नए नियम New pharmacy rule  से पूर्व के साल में डिप्लोमा कर चुके अभ्यर्थियों को दूर रखा गया है। यह नियम पहले ही राज्य फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन करा चुके फार्मासिस्टों के लिए बाहर रखा गया है। डीपीईई परीक्षा हर वर्ष मार्च,अप्रैल और सितंबर, अक्टूबर में दो बार आयोजित की जाएगी।

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इस तरह होंगे परीक्षा में प्रश्नपत्र

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) से जारी नए रेगुलेशन के हिसाब से इस परीक्षा में विषयों पर आधारित तीन पेपर होंगे। तीनों पेपर तीन लगातार दिनों में होंगे और जनकी भाषा अंग्रेजी होगी। प्रत्येक पेपर ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर होगा। हर पेपर में 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। New pharmacy rule अभ्यर्थियों को तीनों पेपर में अलग अलग 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे और एक ही प्रयास में सभी पेपर पास करने होंगे तभी उत्तीर्ण माना जाएगा। पेपर में नकारात्मक अंक यानी माइनस मार्किंग नहीं होगा। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी कितने भी बार परीक्षा में बैठ सकेगा। ऐसे में जब तक यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होती, तब तक कितने भी साल में बार-बार एग्जाम दिया जा सकेगा। इसके अलावा जब तक यह एग्जाम क्लीयर नहीं हो जाता, तब तक न तो पंजीयन कराए जा सकेंगे और न ही उन्हें फार्मेसी दुकान या किसी अन्य फील्ड में इस डिप्लोमा के उपयोग का अधिकार होगा।

आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत

पीसीआई से जारी इस एग्जिट एग्जाम को लेकर एक्सपट्र्स की अलग-अलग सोच है। इधर, पीसीआई का कहना है कि जिस तरह अभी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को सिर्फ फीस की बुनियाद पर देखा जाता है, वैसे हालात फार्मेसी में न आए और फार्मेसी की गुणवत्ता खराब न हो इसलिए यह एग्जिट टेस्ट कराया जा रहा है। New pharmacy rule वहीं फार्मेसी एक ऐसी फील्ड है, जिनमें थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर खामियाजा उस व्यक्ति को भुगतना पड़ सकता है, जो दवाई की दुकान पर दवा खरीदने पहुंचा और उसे फार्मासिस्ट ने गलत दवाई दे दी। बता दें कि यह एग्जिट टेस्ट सिर्फ डिप्लोमा फार्मेसी के लिए है। बैचलर ऑफ फार्मेसी को ऐसा कोई एग्जाम नहीं देना होगा।

डिप्लोमा के बाद फार्मेसी की फील्ड में आने वालों के लिए एग्जिट टेस्ट का स्वागत करते हैं। हालांकि इस परीक्षा के लिए रखा गया शुल्क बहुत अधिक है। इसमें कमी होनी चाहिए। फार्मासिस्ट राहुल वर्मा, प्रदेश सचिव, इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन

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