Latest order for doctor’s: लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने आदेश जारी कर निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के आदेश का कड़ाई से पालन करने की कही बात
रायपुर। Latest order for doctor’s: अब छत्तीसगढ़ के सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों में जाकर निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस पर रोक (Latest order for doctor’s)लगा दी गई है। यदि डॉक्टर अपनी ड्यूटी के दौरान किसी प्राइवेट अस्पताल में जाकर प्रैक्टिस करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के आदेश का कड़ाई से पालन करने कहा है। इस आदेश के बाद सरकारी डॉक्टरों में हडक़ंप मच गया है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार द्वारा जारी नए आदेश (Latest order for doctor’s) के अनुसार शासकीय डॉक्टरों को कार्यावधि के दौरान निजी प्रैक्टिस करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस की छूट (Latest order for doctor’s) रहेगी, परंतु यह केवल कार्यावधि के बाद की जा सकेगी। वे नर्सिंग होम या निजी क्लीनिक में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।
सरकारी अस्पतालों में सेवाओं को प्राथमिकता देना उद्देश्य
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस आदेश का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों की सेवाओं को प्राथमिकता देना है। इसके अलावा निजी प्रैक्टिस के कारण सरकारी कामकाज में उत्पन्न होने वाली अव्यवस्थाओं को समाप्त (Latest order for doctor’s) करना है।
स्वास्थ्य विभाग के इस कदम से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी सुविधाएं व तय समय में डॉक्टरों की सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
Latest order for doctor’s: ड्यूटी खत्म करने के बाद कर सकते हैं निजी प्रैक्टिस
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के बाद सरकारी डॉक्टरों को अब कार्यावधि के बाद ही निजी प्रैक्टिस की अनुमति (Latest order for doctor’s) होगी। यानि वे अपनी सरकारी ड्यूटी खत्म करने के बाद ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर पाएंगे।
पूर्व में ये आदेश (Latest order for doctor’s) किया गया था जारी
हम आपको बता दें कि पहले भी डॉक्टरों को निजी अस्पतालों में ऑपरेशन और रोगियों को देखने से रोका गया था, लेकिन अधिकांश डॉक्टरों की आदतें नहीं बदलीं। इस वजह से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को दोबारा ये सख्त आदेश (Latest order for doctor’s) जारी करना पड़ा।