Waqf Board: डिफेंस और रेलवे के बाद देश का सबसे बड़ा भू-स्वामी है वक्फ बोर्ड, संसद में बिल पास हुआ तो कई नियमों में हो सकता है बदलाव
दिल्ली। Waqf Board: संसद में लोकसभा का सत्र आज हंगामेदार होने वाला है। वक्फ बोर्ड से जुड़े कानून में संशोधन के लिए गुरूवार को विधेयक पेश होना है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए इस पर विस्तृत चर्चा होगी। सरकार इस बिल को सर्व-सम्मति से पास कराने की तैयारी में जुटी है। वहीं बुधवार को सभी सांसदों को बिल की कॉपी पढऩे के लिए दे दी गई है। इस बिल को तैयार करने में सरकार ने खासी मशक्कत की है। 70 अलग-अलग ग्रुप्स से चर्चा के बाद इस बिल को तैयार किए जाने का दावा सरकार कर रही है।
संसद से जुड़े सूत्रों का दावा है कि सरकार इस बिल के माध्यम से गरीब, महिला और अनाथ मुस्लिम को न्याय दिलाने की तैयारी कर रही है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किए गए कब्जों की बेदखली है। वर्तमान परिदृश्य में वक्फ बोर्ड संपत्ति के दृष्टिकोण से देश की सबसे बड़े निजी संस्था है। इससे अधिक संपत्ति केवल डिफेंस और रेलवे के पास है, जो कि शासकीय संस्थाएं हैं।
वक्फ से जुड़े दो बिल ला रही सरकार
संसद में सरकार वक्फ से जुड़े दो बिल ला रही है। एक बिल के माध्यम से सरकार मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त करने की तैयारी में है। वहीं दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में बदलाव किए जाने हैं। अब तक वक्फ अधिनियम 1995 के नाम से जाना जाने वाला कानून बिल पास होने के बाद ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ के नाम से जाना जाएगा। वक्फ बोर्ड में सुधारों को लेकर सरकार ने बिल की कॉपी जारी कर दी है।
नए विधेयक में 44 संशोधनों पर चर्चा
वक्फ संशोधन बिल में सरकार ४४ विषयों पर संशोधन की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि ये बिल पास हो जाने पर वक्फ की संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन किया जा सकता है। अब तक अधिनियम में ‘वक्फ’ में मुस्लिम कानून द्वारा मान्यता प्राप्त विभिन्न प्रकार के वक्फ शामिल हैं, लेकिन संशोधन विधेयक में जो व्यक्ति कम से कम पांच से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा है वही अपनी चल अचल संपत्ति को वक्फ को दान कर सकेगा। इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वक्फ-अलल-औलाद महिलाओं के विरासत अधिकारों से इंकार नहीं कर सकेगा।
किसी भी संपत्ति को वक्फ की घोषित करने का छिनेगा अधिकार
प्रस्तावित विधेयक में वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को भी हटाने की तैयारी है। वक्फ अधिनियम की धारा 40 सबसे ज्यादा विवादित रही है। इसमें ये प्रावधान है कि यदि बोर्ड किसी संपत्ति को अपनी समझता है तो वो उसे नोटिस दे सकता है। जांच के बाद यह तय कर सकता है कि वो वक्फ की जमीन है। वो शिया और सुन्नी वक्फ भी तय कर सकता है। बोर्ड के फैसले के खिलाफ सुनवाई भी केवल ट्रिब्यूनल में होती है। धारा 40 पर कैंची चलाकर सरकार बोर्ड के पर कतरने की तैयारी कर रही है।
गैर-मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं का भी होगा प्रतिनिधित्व
नए बिल में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य (Waqf Board) वक्फ बोर्डों की भूमिका में भी बदलाव किया गया है। इन निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के प्रतिनिधित्व की तैयारी है। बिल के पास होने की स्थिति में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम और गैर-मुस्लिम का उचित प्रतिनिधित्व हो सकता है। बिल में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने का जिक्र है। केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो-दो महिलाओं को रखना होगा। एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के जरिए वक्फ के रजिस्ट्रेशन के तरीके को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
बिल हुआ पास तो ये बन सकेंगे बोर्ड के सदस्य
नए बिल के पास होने की स्थिति में (Waqf Board) वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, सुप्रीम या हाई कोर्ट के दो रिटायर्ड जज, तीन सांसद, मुस्लिम कानून के तीन, मुस्लिम संगठनों के तीन सदस्य, एक वकील, चार राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोग, भारत सरकार के अतिरिक्त या संयुक्त सचिव सदस्य हो सकेंगे। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि इनमें दो महिलाएं अनिवार्य तौर पर हों।