Friday, November 22, 2024

क्या वक्फ बोर्ड को खत्म करने जा रही सरकार, अब मुस्लिम जमात की जमीनों का कैसे होगा नियंत्रण?

नई दिल्ली . केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने वक्फ के कानून में संशोधन के बिल को मंजूरी दे दी है। वक्फ बोर्ड से किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने का अधिकार वापस होगा। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ क़ानून में क़रीब चालीस संशोधनों को मंजूरी मिली है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह ये बिल संसद में लाया जा सकता है। संशोधनों के अनुसार अब वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर दावा करेगा उसका सत्यापन करना अनिवार्य होगा। इसी तरह वक्फ की विवादित संपत्तियों का भी सत्यापन ज़रूरी होगा।

जानना जरूरी है की साल 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्डों को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार प्रदान करते हुए उसकी ताकत बढ़ा दी थी। पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई बदलाव किए थे।

वक्फ अधिनियम पहली बार साल 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था और साल 1995 में नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया था। जिससे वक्फ बोर्डों को अधिक अधिकार दिए गए। बाद में वर्ष 2013 में संशोधन पेश किए गए। जिससे वक्फ को इससे संबंधित मामलों में असीमित और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई।

वक्फ का मतलब होता है ‘अल्लाह के नाम’। यानी ऐसी ज़मीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज से संबंधित हैं, वो वक्फ की ज़मीनें होती हैं। इसमें मस्ज़िद, मदरसे, क़ब्रिस्तान, ईदगाह, मज़ार और नुमाइश की जगहें आदि शामिल हैं। एक वक्त के बाद ऐसा देखा गया कि ऐसी ज़मीनों को ग़लत तरीक़े से इस्तेमाल किया जा रहा है और यहां तक की बेचा जा रहा है। ऐसे में वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की ज़मीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। वक्फ की ज़मीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और ज़मीनों को ग़ैर क़ानूनी तरीक़ों से बेचने से बचाने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया था।

sankalp
Aadhunik

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