Friday, September 20, 2024

इस तरह अब कोई भी बच्चा नहीं होगा कक्षा ग्यारहवीं और 12वीं में फेल, जानिए क्या नया बदलाव लेकर आ रही सरकार

नई दिल्ली .केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि 12वीं कक्षा में अंतिम अंक देते समय कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं में एक छात्र के प्रदर्शन पर विचार किया जाना चाहिए। देश भर के स्कूल बोर्डों द्वारा मूल्यांकन को मानकीकृत करने के उद्देश्य से NCERT की एक इकाई, PARAKH के प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि कक्षा 12वीं के रिपोर्ट कार्ड में परीक्षा और निरंतर क्लासवर्क के आधार पर तीन कक्षाओं में प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

PARAKH रिपोर्ट के अनुसार,  सभी स्कूल बोर्डों के मूल्यांकन को संरेखित करने के उपायों की सिफारिश की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 12वीं के अंतिम रिपोर्ट कार्ड में छात्र की कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं की परफॉरमेंस को शामिल किया जाए। इस रिपोर्ट में 12वीं के रिजल्ट में 9वीं की 15%, कक्षा 10वीं की 20 प्रतिशत और कक्षा 11वीं की 25 फीसदी वेटेज की कही गई है। इसके अलावा 12वीं के रिपोर्ट कार्ड में संयुक्त मूल्यांकन फॉर्मेटिव असेसमेंट (होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड, ग्रुप डिस्कशन, प्रोजेक्ट) और समेटिव असेसमेंट (टर्म एग्जाम) की भी वेटेज होगी।

सूत्रों ने कहा कि इस रिपोर्ट को फीडबैक के लिए सभी स्कूल बोर्डों के साथ साझा किया जाएगा। दरअसल, पिछले हफ्ते हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारियों के साथ पहले दौर की चर्चा हुई थी। 

समझा जाता है कि इस बैठक में राज्यों ने तर्क दिया कि कक्षा 9, 10 और 11 के प्रदर्शन को अंतिम कक्षा 12 के रिपोर्ट कार्ड में एकीकृत करने के बजाय, कक्षा 9 से 40% स्कोर और कक्षा 10 से 60% को अंतिम कक्षा 10 के स्कोर में योगदान देना चाहिए। इसी तरह, कक्षा 11 के स्कोर का 40% और कक्षा 12 का 60% अंतिम कक्षा 12 के स्कोर में योगदान देना चाहिए।

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