रायपुर/दुर्ग . ऑनलाइन सट्टा महादेव एप की अन्ना रेड्डी बुक में दूसरे का बैंक एकाउंट इस्तेमाल करने वाले दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। पुलिस ने रजत शर्मा की शिकायत पर आरोपी सतबीर सिंह और आयुष थदानी के खिलाफ धारा 318, 3(5) (धोखाधड़ी) के तहत अपराध दर्ज किया है। इन्हे शुक्रवार को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। इधर प्रार्थी की शिकायत पर ही सवाल खड़े हो रहे है।
दुर्ग ही नहीं छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टा अभी भी फल फूल रहा है। देश-विदेश में इसके बड़े चर्चे है। इसके बावजूद रजत शर्मा ने अपने बैंक खाता, एटीएम, कार्पोरेट सिम को दोस्त को दे दिया। प्रार्थी द्वारा मांगे गए उधार की राशि आरोपी ने अपने एटीएम से निकाल कर दिया, लेकिन ट्रांजेक्शन उसके खाते से किया। इस वजह से पुलिस को संदेह है।
खुर्सीपार थाना पुलिस ने बताया कि 26 जुलाई को न्यू खुर्सीपार गणेश चौक, मकान-62 निवासी रजत शर्मा पिता सत्येन्द्र शर्मा (26 वर्ष) ने शिकायत की। उससे केपीएस स्कूल के पास सुपेला शांतिनगर निवासी आरोपी सतबीर सिंह और आयुष थदानी ने रजत के नेहरू नगर आईसीआईसीआई बैंक शाखा से 1 करोड़ 10 लाख रुपए का लेनदेन की।
बता दें एसीसीयू की टीम ने मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात 2 बजे सतबीर सिंह के घर पर दबिश देकर उठाए थे। इसके बाद लगातार गहन पूछताछ की। शुक्रवार को दोनों पर कार्रवाई हुई। पुलिस ने बताया कि रजत की आरएस इवेन्टस कंपनी है। 18 जुलाई को केपीएस स्कूल शांतिनगर निवासी दोस्त आयुष थदानी से 50 हजार रुपए उधार मांगे। आयुष ने अपने भाई से पैसे दिलाने की बात की।
आयुष ने रजत का बैंक खाता नम्बर और कार्पोरेट अकाउंट की सिम नम्बर की मांग की। उसी खाते में पैसा डलवा देगा। रजत शाम 7.30 बजे सतबीर सिंह के घर बालाजी नगर खुर्सीपार पहुंचा। उसे बैंक खाता और सिम दे दिया। 19 जुलाई सुबह 11 बजे आयुष थदानी उसके घर गया और बैंक खाता चेकबुक और एटीएम कार्ड भी मांगे। सतबीर सिंह ने रजत के दोस्त आयुष और संदीप के खाते 10 हजार रुपए और 40 हजार रुपए ट्रांजेक्शन की। 20 जुलाई तक संदीप ने सिम वापस करने को कहा। शाम 5 बजे तक रजत को बैंक से फोन आया। इधर 20 जुलाई सुबह 11 बजे सिम को सतबीर ने लौटा दिया। 21 जुलाई को बैंक पासबुक भी वापस कर दिया।