NEW DELHI . .बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर चर्चा में हैं। शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक में उन्हें दरकिनार कर दिया। बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। इससे आहत हुई ममता बैठक छोडक़र बाहर निकल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई। सरकारी सूत्रों ने ममता के दावों को खारिज किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी ने मीडिया में कहा है कि उनका माइक बंद कर दिया गया, यह पूरी तरह से झूठ है। ममता बनर्जी के आरोपों पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सभी ने उन्हें सुना। हर मुख्यमंत्री को अलॉट किया हुआ समय दिया गया जो हर टेबल पर लगी स्क्रीन पर दिखाई दे रहा था। बावजूद इसके ममता बनर्जी ने मीडिया अटेंशन के लिए बाहर आकर गलत खबर फैलाई। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है।
हर कोई कह रहा, माइक बंद किया
इस मामले में केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्लियामेंट में कोई कहता है मेरा माइक बंद कर दिया जाता है, कोई कहता है मुझे बोलने नहीं दिया जाता। ये कहीं ना कहीं अफवाह है और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं उस मीटिंग में था नहीं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं हुआ होगा।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं वह पूरी तरह से मिसलीडिंग है। उन्होंने खुद कहा कि वह जल्दी निकलना चाहती हैं, इसलिए उन्हें पहले बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
आखिर क्यों बाहर भडक़ पड़ी ममता
ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक को बीच में ही छोडक़र निकल आईं। उन्होंने कहा कि मैंने बैठक का बहिष्कार किया है। चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की। मुझे सिर्फ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोक दिया गया. यह गलत है। बाहर निकलकर केंद्रीय सरकार पर भडक़ी ममता ने नीति आयोग को खत्म कर देने की बात कही। नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं।