Friday, September 20, 2024

पूरे छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश, जन और धन का बड़ा नुकसान, कई जिलों के दर्जनों गांव बने टापू

मौसम विभाग के अनुसार बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिले में भारी से अति भारी बारिश की संभावना

  • सुकमा जिले में तेलंगाना का महाराष्ट्र से सड़क संपर्क टूट गया, नेशनल हाइवे-163 तारलागुड़ा व हाइवे-63 पर पुलों के ऊपर से पानी बह रहा

रायपुर। प्रदेश में सप्ताह भर से लगातार बारिश से आम जनजीवन आस्त-व्यस्त हो गया है। भारी पानी गिरने से छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चल रहा है। देखा जाए तो सप्ताह भर से बारिश की वजह से जन और धन का बड़ा नुकसान हो रहा है। इधर लगातार पानी को देखते हुए बेमेतरा जिले में तीन दिनों के लिए स्कूलों में अवकाश की कलेक्टर ने घोषणा की है।

वहीं कांकेर जिले के कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। कोयलीबेड़ा की मेंढकी नदी उफान पर है ऐसे में ग्रामीण साप्ताहिक बाजार भी नहीं जा पा रहे हैं। इसके साथ ही बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के कई इलाकों में फिर से बाढ़ के हालात बन गए हैं। नेशनल हाइवे-163 तारलागुड़ा और नेशनल हाइवे-63 पर बने पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। लिहाजा, महाराष्ट्र का सड़क संपर्क छत्तीसगढ़ से टूट गया है। बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिले में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच बस्तर संभाग में पिछले 13 दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश से सामान्य जन-जीवन अस्तव्यस्त है, बाढ़ में डूबने से एक ग्रामीण की मौत हो गई जबकि तीन सौ से अधिक परिवार बेघर हो गए। इंद्रावती, शबरी, संकनी-डंकनी तथा स्थानीय नदी-नाले उफान पर हैं। दक्षिण बस्तर का संपर्क संभाग मुख्यालय से टूट चुका है।

बीजापुर जिले में रिकॉर्ड बारिश दर्ज
जानकारी अनुसार बीजापुर जिले में अब तक तेरह सौ दस मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड किया गया है, वहीं आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ का संपर्क टूट चुका है। गोदावरी नदी में बाढ़ के कारण हैदराबाद, सिरोंचा, वरंगल में आवागमन बंद है। लगातार बारिश होने की स्थिति में इंद्रावती का जल स्तर और ज्यादा बढऩे कि संभवना है, क्योंकि महारष्ट्र में गोदावरी का जल स्तर भी बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे भोपालपटनम से लगे सोमनपल्ली नाले के पास बाढ़ का पानी रोड पार आ चुका है। सोमनपल्ली नाले मे तेजी से पानी बढ़ रहा है जिससे इस मार्ग पर रास्ता पूरी तरह से बंद होकर छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र का सड़क संपर्क कट गया है।

खतरे के निशान पर है नदियां
लगातार बारिश की वजह से चिंतावागु नदी भी उफान पर है। इसी नदी में गुरुवार को एक ग्रामीण की डूबने से मौत हो गई। मद्देड़ थाना के अनुसार अंगमपल्ली के आश्रित गांव रायगुडा निवासी रमेश कुरसम (42) रायगुडा से बर्तन के सहारे चिंतावागु नदी को पार कर अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए पेगड़ापल्ली जा रहा था तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और नदी में डूबने से उसकी मौत हो गई। बीजापुर-गीदम मार्ग पर जांगला नदी पर बाढ़ आने की वजह से आवागमन बंद है। किरंदुल में भारी वर्षा के कारण लोग अपने घर पर नहीं रह पा रहे हैं और न ही बाहर कहीं ठहर पा रहे हैं। स्थिति गंभीर होते जा रही है।

चार दर्जन गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा
नारायणपुर जिले में सोनपुर इलाके में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। डोंडीबेड़ा के एक दम्पति की नौ माह की बेटी के इलाज के लिए उफनती नदी को पार कर सोनपुर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे, पुल के उपर पानी बहने से अबूझमाड़ के 50 से अधिक गांव मुख्यालय से कट गए हैं। अबूझमाड़ के कई इलाके टापू में तब्दील हो गए हैं। सुकमा जिले में भारी वर्षा से तेलंगाना का महाराष्ट से संपर्क टूट चुका है। सुकमा जगदलपुर मार्ग पर बाढ की स्थिति बनी हुई है। भारी वर्षा से गोदावरी, शबरी का जलस्तर बढ़ा हुआ है जिला प्रशासन निचले बस्ती के इलाके में मकान खाली कराने का मुनादी करा दिए हैं। कांकेर जिले में भी भारी वर्षा की स्थिति है। सभी नदी-नाले उफान पर हैं। पोटरी-मेढ़की महानदी तथा दूध नदी का भी जलस्तर बढ़ चुका है तथा इससे 50 से अधिक गांव टापू बन चुके हैं।

चालू मानसून में 509.2 मिमी औसत वर्षा
छत्तीसगढ़ राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक गत एक जून से अब तक राज्य में 509.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में एक जून से शनिवार यानी 27 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1237.1 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 196.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 318.3 मिमी, बलरामपुर में 450.9 मिमी, जशपुर में 334.0 मिमी, कोरिया में 334.8 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 359.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

इसी प्रकार, रायपुर जिले में 461.5 मिमी, बलौदाबाजार में 601.8 मिमी, गरियाबंद में 563.7 मिमी, महासमुंद में 411.9 मिमी, धमतरी में 591.9 मिमी, बिलासपुर में 481.5 मिमी, मुंगेली में 526.7 मिमी, रायगढ़ में 392.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 233.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 435.2 मिमी, सक्ती में 329.5 कोरबा में 572.7 मिमी,

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 468.3 मिमी, दुर्ग में 335.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 414.1 मिमी, राजनांदगांव में 582.7 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 595.5 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 398.9 मिमी, बालोद में 683.3 मिमी, बेमेतरा में 336.4 मिमी, बस्तर में 655.0 मिमी, कोण्डागांव में 550.4 मिमी, कांकेर में 695.1 मिमी, नारायणपुर में 677.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 724.2 मिमी और सुकमा जिले में 852.7 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

Related articles

spot_img