नई दिल्ली . मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का तीसरा बजट पेश करेंगी। इस बजट में आम जनता भी अपने लिए खास तोहफों की आस लगाए बैठी है। इसी तरह बजट से उद्योग जगत और करदाताओं को भी उम्मीदें हैं। कयास लगाई जा रही है कि इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट में खास छूट का प्रावधान किया जा सकता हैयह सुविधा बीते चार साल पहले तक मिला करती थी, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया था। अब मोदी सरकार इसे फिर से शुरू करने की तैयारी में है। बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री इसकी घोषणा करते हुए दिख सकती हैं। बता दें कि २०२०-२१ से रेलवे ने बुजुर्गों को ट्रेनों की टिकट में छूट देना बंद कर दिया था। इस समय कोविड चल रहा था, जिसमें यह सुविधाएं बंद की गई थी।
पहले महिलाओं को भी थी छूट
कोविड-19 महामारी से पहले देश में वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को ट्रेन टिकट पर छूट मिलती थी। मार्च 2020 से यह लाभ बंद कर दिया गया। इससे पहले महिला वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जबकि पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत की छूट मिलती थी। यह छूट राजधानी और शताब्दी सेवाओं सहित सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों पर लागू थी। इसके वापस लिए जाने के बाद से वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन यात्रा के लिए अन्य यात्रियों के बराबर पूरा किराया देना पड़ रहा है। रेलवे के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष और ट्रांसजेंडर व्यक्ति तथा 58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं वरिष्ठ नागरिक के रूप में योग्य हैं।
रेलवे को वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर दी जाने वाली छूट बंद करने से काफी फायदा हुआ है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच रेलवे ने करीब 8 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को रियायत नहीं दी। इस दौरान रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों से कुल 5,800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया। इसमें सब्सिडी खत्म होने से अर्जित 2,242 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी शामिल है। संसद के दोनों सदनों समेत विभिन्न मंचों पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत की बहाली से संबंधित सवाल उठाए गए हैं।