नई दिल्ली। पेपर लीक को लेकर मचे हंगामे के बीच इसके फॉर्मेट में बदलाव की भी बात सामने आई है। सूचना के अनुसार सरकार अगले साल से नीट परीक्षा ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही है। इसे लेकर जल्द ही शिक्षा मंत्रालय बड़ा फैसला ले सकती है। नीट मामले में केंद्र ने सात सदस्यीय कमेटी बनाई थी। छात्रों और अभिभावकों की ओर से भेजे गए सुझाव में ऑनलाइन परीक्षा भी शामिल है।
बता दें कि पेपर लीक के मुद्दे पर केंद्र की हाई लेवल कमेटी ने छात्रों और अभिभावकों से सुझाव मांगे हैं। कमेटी ने इनसे परीक्षा में सुधार और नीट को लेकर सुझाव मांगे हैं। वर्तमान में नीट यूजी एग्जाम पेन और पेपर मोड में करवाया जाता है। इस पेपर का फॉर्मेट एमसीक्यू वाला होता है, जिसमें छात्रों को आंसर चुनने के लिए ऑप्शन दिए जाते हैं।
छात्र अपने आंसर को एक ओएमआर शीट पर लिखते हैं, जिसे बाद में स्कैन किया जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई मौकों पर नीट यूजी एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर असहमति जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ही नीट एग्जाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित करवाती है।
अभी आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन्स और अडवांस्ड एग्जाम ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एनटीए में सुधार और एग्जाम प्रोसेस में समीक्षा करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। इस पैनल की पिछले एक हफ्ते में हुई कम से कम तीन हाई लेवल की बैठकों में जेईई एग्जाम के फॉर्मेट पर चर्चा की है।
एक्शन में सीबीआई की टीम
इधऱ पेपर लीक में सीबीआई का एक्शन जारी है। सीबीआई ने गुजरात के 4 जिलों में 7 ठिकानों में छापेमारी की है। सीबीआई ने शनिवार को गुजरात के गोधरा, खेड़ा, आनंद और अहमदाबाद के ठिकानों पर छापेमारी की। वहीं हजारीबाग से पत्रकार जमालुद्दीन को भी गिरफ्तार किया है।
जमालुद्दीम पर प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को असिस्ट करने का आरोप है। कॉल डिटेल्स से खुलासा हुआ है कि जमालुद्दीम लगातार फोन के जरिए प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से संपर्क में था। पूछताछ में पता चला है कि पेपर लीक में ये प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसपल की मदद कर रहा था उन्हें असिस्ट कर रहा था।
4 दिन की मांगी रिमांड
सीबीआई ने गुजरात के गोधरा में 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार 5 लोगों में से 4 लोगों की 4 दिन की रिमांड की अपील की। सीबीआई के वकील ध्रुव मलिक ने जिला अदालत को सूचित किया कि गुजरात पुलिस ने पहले जांच की है, लेकिन एजेंसी को इन आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह नये सिरे से जांच कर रही है।