0 अंबिकापुर विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में प्रसूता ने जमीन पर दिया था बच्चे को जन्म, कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर कर दिया था वायरल, शासन ने माना इसे निजता का उल्लंघन
रायपुर। अंबिकापुर के नवानगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 8 जून को एक महिला ने डॉक्टर और नर्स के ड्यूटी से नदारद रहने के दौरान फर्श पर बच्चे को जन्म दिया था। एएनएम की मौजूदगी में कुछ लोगों ने अपने मोबाइल पर प्रसव का वीडियो बना लिया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था। इस मामले में राज्य शासन ने कड़ा फैसला लेते हुए सरकारी अस्पतालों में मरीजों की फोटो लेना और वीडियो बनाने पर बैन लगा दिया है। अब ना तो डॉक्टर और ना ही स्टाफ किसी भी मरीज की फोटो ले सकते हैं और न ही वीडियो बना सकते हैं।
गौरतलब है कि अस्पताल के फर्श पर महिला के प्रसव मामले को हाई कोर्ट ने खुद संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा कलेक्टर, अंबिकापुर सीएमएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
महिला के प्रसव का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की फोटो लेना और वीडियो बनाने पर बैन लगा दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मनोज कुमार पिंगुआ ने मेडिकल एजुकेशन के कमिश्नर, स्वास्थ्य संचालक, आयुष संचालक, सभी डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को इस संबंध में आदेश जारी कर इसका सख्ती से पालन करने कहा है।
फोटो, वीडियो लेना महिला की निजता का उल्लंघन
मनोज पिंगुआ नेआदेश में कहा है कि किसी महिला मरीज का फोटो लेना और वीडियो बनाना उसकी निजता का उल्लंघन है। इससे महिलाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान पर बुरा असर पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों में न केवल सामान्य लोग बल्कि स्टाफ भी फोटो वीडियो नहीं ले सकते हैं उन्होंने कहा है कि हम सभी को निजता का सम्मान करना चाहिए।