Pahalgam attack mastermind पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि अनंतनाग का रहने वाला आदिल हुसैन ठोकर इस हमले का मास्टरमाइंड था।
खबरनवीस डेस्क। जम्मू-कश्मीर के Pahalgam attack mastermind पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि अनंतनाग का रहने वाला आदिल हुसैन ठोकर इस हमले का मास्टरमाइंड था। उसने लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित कमांडरों के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी। आदिल कभी शिक्षक था, लेकिन धीरे-धीरे उसका झुकाव कट्टरपंथ की ओर हो गया।
कौन है आदिल?
रिपोर्ट के मुताबिक, आदिल अनंतनाग के गुरी गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम वली मोहम्मद थोकर है और उसके 3 भाई-बहन हैं। परिवार के पास अनंतनाग में ही अच्छी खासी जमीन है। आदिल ने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया था। इस दौरान आदिल का झुकाव कट्टरपंथ की ओर होने लगा। वो अक्सर धार्मिक समारोहों और मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होता देखा गया।
2018 में किया पाकिस्तान का दौरा
माना जाता है कि आदिल ने 2018 में पाकिस्तान का दौरा किया था। वह वैध दस्तावेजों के जरिए पाकिस्तान गया था। हालांकि, इसके बाद वह गायब हो गया। उसने अपने परिजनों से भी संपर्क तोड़ लिया और करीब 8 महीने तक उसका कोई सुराग नहीं मिला। खुफिया एजेंसियों ने उसके डिजिटल फुटप्रिंट पर भी नजर रखी, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। अनंतनाग के बिजबेहरा स्थित उसके घर पर भी निगरानी की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
2024 में की कश्मीर में घुसपैठ
माना जाता है कि पाकिस्तान जाने के बाद आदिल लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। 2024 में उसकी गतिविधियां फिर देखी गईं। उसे पहले राजौरी2-पुंछ, फिर डोडा और किश्तवाड़ में देखा गया। जांच में पता चला कि उसने पुंछ-राजौरी सेक्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी।आदिल ने अपने साथ 3-4 लोगों को भी घुसपैठ कराई थी। इनमें एक पाकिस्तानी नागरिक भी थी, जिसकी पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई है, जो पहलगाम हमले का एक और आरोपी है।
आदिल ने कैसे की आतंकियों की मदद?
माना जाता है कि मूसा को भारत में घुसपैठ में थोकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। आदिल ने सुरक्षाबलों से बचने के लिए जंगली और पहाड़ी रास्तों का इस्तेमाल किया आदिल को इलाके के बारे में पूरी जानकारी थी और उसने आतंकवादियों का मार्गदर्शन किया। आदिल ने उन्हें क्षेत्र में लाने, आश्रय उपलब्ध कराने, हमले की योजना बनाने और भागने का रास्ता बताने में मदद की थी।