Wednesday, April 16, 2025

Chhattisgarh liquor scam : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस, पूर्व IAS अनिल टुटेजा को मिली सुप्रीम कोर्ट से जमानत, कोर्ट में दिया ये तर्क

Chhattisgarh liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस (IAS) अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अनिल टुटेजा को जमानत दी है। हालांकि पासपोर्ट जमा कराने समेत कुछ शर्तें भी रखी गई हैं।

रायपुर. Chhattisgarh liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस (IAS) अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अनिल टुटेजा को जमानत दी है। हालांकि पासपोर्ट जमा कराने समेत कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। जमानत आवेदन पर सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बैंच में हुई। हालांकि, अनिल टुटेजा को ईडी (ED) के केस में राहत मिली है, लेकिन शराब घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू (EOW) जांच कर रही है। इस केस में वो जेल में बंद हैं, ऐसे में वे जमानत के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।

Chhattisgarh liquor scam जमानत की शर्तें और प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) को आदेश दिया कि टुटेजा को जमानत की प्रक्रिया के लिए संबंधित कोर्ट में पेश किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि विशेष न्यायाधीश की अदालत अभी खाली है। इसके अलावा शर्तों में, पासपोर्ट सरेंडर करना और अदालत में सुनवाई के दौरान पूरा सहयोग करना शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने बताई वजह

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें टुटेजा के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोप तय करने से पहले सरकार से अनुमति (सीआरपीसी की धारा 197 के तहत) नहीं ली गई थी। धारा 197 के अनुसार, यदि कोई सरकारी अफसर अपने कार्य के दौरान किसी अपराध का आरोपी है, तो कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए पहले सरकार से मंजूरी लेना जरूरी होता है।

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छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। Chhattisgarh liquor scam दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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