Wednesday, April 16, 2025

NEP in school : सरगुजा जिले के बच्चे अपनी मातृभाषा में करेंगे पढ़ाई, परीक्षा भी उसी में होगी, रिजल्ट बेहतर होगा

NEP in school छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। जिसके चलते पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे अपनी मातृभाषा में हिन्दी विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चे जिस भाषा में बात करते हैं उन्हें उसी भाषा में पढ़ाया जा रहा है।

रायपुर। NEP in school छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। जिसके चलते पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे अपनी मातृभाषा में हिन्दी विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चे जिस भाषा में बात करते हैं उन्हें उसी भाषा में पढ़ाया जा रहा है। माना गया है कि इससे बच्चे बेहतर तरीके से सीखेंगे इसके साथ ही आगामी शिक्षा सत्र 2025-26 में कक्षा पहली से लेकर तीसरी और छठवीं में नया पाठ्यक्रम लागू हो रहा है।साथ ही सरकार की यह भी योजना है कि मातृभाषा में पढ़ाई की व्यवस्था कक्षा पांचवीं तक की जाए।

NEP in school इन बोलियों में भी पढ़ाई

नई शिक्षा नीति में अनुशंसा की गई है कि शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए  यानी घरेलू भाषा, स्थानीय भाषा और क्षेत्रीय भाषा होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश में 18 स्थानीय भाषा-बोली तय की गई है  NEP in school इन भाषा बोलियों में छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी, भतरी, कुडुख, गरगुजिहा, सादरी, कमारी, बैगानी, दोरली, धुरवी, बघेली, मडिया, ओडिया, बंगला, मराठी और तेलुगू शामिल हैं। हालांकि इसमें और सुधार करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी द्वारा अभी भी काम किए जा रहे हैं। पढ़ाने और पढ़ने में सुविधा हो इसके लिए अभ्यास प्रश्न और प्रत्येक पाठ की शब्दावली में स्थानीय भाषा तैयार करने पर काम किया जा रहा है।

सरगुजा जिले से शुरुआत

इसके अलावा शिक्षकों के लिए अभ्यास पुस्तिका और मार्गदर्शिका बनाई जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत पहली और दूसरी में नये पाठ्यक्रम में हिन्दी की किताब द्विभाषी तैयार कराई गई है। एससीईआरटी द्वारा 18 स्थानीय भाषाएं और 4 प्रांतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें तैयार की गई हैं। इसके अलावा कक्षा 3 से 5 तक ही हिन्दी की पाठ्य पुस्तकों में 4 स्थानीय बोली-भाषाओं के 25 प्रश्न शामिल किए गए हैं।वर्तमान में बस्तर और सरगुजा में मातृभाषा में पढ़ाई शुरू हो गई है। NEP in school नए शिक्षा सत्र के शुरुआत से ही इसे प्रदेश के सभी जगहों पर चालू कर दिया जाएगा।

Read more: आधी रात पत्नी के साथ ये कांड कर गया पति, फिर बेटे से बोला- जा देख कमरे में पड़ी है…

इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बस्तर संभाग में के 6937 स्कूलों में कक्षा पहली के 62375 और दूसरी के 61635 बच्चों को स्थानीय बोली-भाषा में अध्ययन कराया जा रहा है।

पहली से तीसरी और छठवीं की किताबें बदली

आगामी शिक्षा सत्र 2025-26 से चार कक्षाओं पहली, दूसरी, तीसरी और छठवीं में नया पाठ्यक्रम लागू हो रहा है। इसे एससीईआरटी के समकक्ष बनाया गया है। नये शिक्षा सत्र से कक्षा तीसरी के बच्चे हिन्दी व गणित के साथ ही शारीरिक शिक्षा, योग और कला शिक्षा की भी पढ़ाई करेंगे। इसी तरह कक्षा छठवीं में व्यावसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया है। नई किताबों में विद्यार्थियों की आवश्यकताओं और रुचियों को प्राथमिकता दी गई है। NEP in school एनसीईआरटी ने छोटे बच्चों को आसान पाठ्यक्रम से बेहतर शिक्षा देने के लिए विषय विशेषज्ञों का सहयोग लिया है। उसके अनुसार नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। नए पाठ्यक्रम में तीसरी के बच्चे हिन्दी, गणित के साथ शारीरिक शिक्षा और योग भी पढ़ेंगे।

Related articles