Sushasan Tihar 2025: जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का आयोजन साय सरकार पूरे प्रदेश में कर रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक आवेदन की तस्वीर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें मोटरसाइकिल दिलाने की मांग की है।
अंबिकापुर। Sushasan Tihar 2025: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले में 8 अप्रैल से 31 मई 2025 तक सुशासन तिहार 2025 संचालित किया जा रहा है। सुशासन तिहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा और लोग अपनी समस्या सुझाव को लेकर पहुंच रहे हैं। समाधान पेटी रखकर लोगों से आवेदन लिया जा रहे हैं। इस दौरान उनका निराकरण करने को लेकर प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं, जो सरकार से कुछ अजीबो-गरीब मांग कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अंबिकापुर से सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।
ससुराल जाने के लिए मुझे एक मोटरसाइकिल की जरुरत
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक आवेदन की तस्वीर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें मोटरसाइकिल दिलाने की मांग की है। जिले के मैनपाट विकासखंड के कदनई ग्राम पंचायत के रहने वाले अंगेश कुमार ठाकुर ने 10 अप्रैल को सुशासन तिहार के अंतर्गत आवेदन देकर मोटरसाइकिल दिलाने की मांग की है। आवेदन में उन्होंने लिखा है कि ससुराल और हाट बाजार जाने के लिए मुझे एक मोटरसाइकिल की आवश्यकता है। क्योंकि मेरे गांव से मेरा ससुराल और बाजार दूर है। मेरी गरीबी हालत को देखकर मुझे 1 नग मोटरसाइकिल प्रदान करें।
Sushasan Tihar 2025: देखें वायरल आवेदन

जानें क्या है ‘सुशासन तिहार 2025 का मुख्य उद्देश्य
बता दें कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शासन और नागरिकों के बीच पारदर्शी संवाद स्थापित करना है। समाधान पेटी और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त आवेदनों का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में किया जाएगा। साथ ही, इन आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए दो पालियों में कंप्यूटर ऑपरेटरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। सभी जनपद कार्यालयों में पर्याप्त कंप्यूटर संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
समाधान शिविर 5 मई से 31 मई तक
प्रत्येक आवेदन की पावती दी जाएगी और संबंधित विभाग एक माह के भीतर समाधान सुनिश्चित करेगा। इसके पश्चात 5 मई से 31 मई तक जिलेभर में समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर मौके पर ही निराकरण किया जाएगा, लेकिन देखना होगा कि समाधान शिविर कितना कारगर साबित हो पाएगा।