0 शहर के राजमोहिनी भवन के बगल में स्थित 4.22 एकड़ शासकीय जमीन का मामला, बंशू लोहार के नाम पर फर्जी तरीके से जमीन की की गई थी रजिस्ट्री, फिर करोड़ों में बेच दी गई थी जमीन
अंबिकापुर। शहर के राजमोहिनी देवी भवन के बगल में स्थित 4.22 एकड़ जमीन की सभी रजिस्ट्री कलेक्टर ने 28 मार्च को शून्य घोषित कर दी थी। इस मामले में एक पक्षकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम राहत दिए जाने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है।
राजमोहिनी दिन भवन के बगल में स्थित भूमि खसरा नंबर 243/1, रकबा 4.22 एकड़ को कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से बंशू लोहार के नाम पर दर्ज कराकर करोड़ों रुपए में बिक्री की गई थी।
शासकीय जमीन को फर्जी तरीके से राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से नामांतरण करने और फिर बेचने का मामला सामने आने पर कलेक्टर न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री हुई थी, वह लगातार 3 सप्ताह तक कलेक्टर न्यायालय में पेश नहीं हुआ।
इस मामले में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने उक्त जमीन की सभी रजिस्ट्रियां शून्य घोषित कर उक्त जमीन को शासकीय गोचर मद में दर्ज करने के भी आदेश दिए थे। कलेक्टर ने उसे जमीन को नए न्यायालय भवन निर्माण के लिए भी आवंटित कर दिया था।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक
जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित करने के मामले में एक पक्षकार ने अभिषेक नागदेव ने हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसमें उसने दलील दी थी कि कलेक्टर को जमीन की रजिस्ट्री व डीड शून्य घोषित करने का अधिकार ही नहीं है।
उसने हाईकोर्ट से अंतिम राहत देने की भी मांग की थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है।