Right to education नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार कानून यानी आरटीई के ऑनलाइन आवेदन भरते समय तकनीकी समस्याएं अब भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। पूरा आवेदन करने के बाद पोर्टल पर ऐरर का मैसेज आ रहा है। जबकि रिसाली क्षेत्र का कोई भी स्कूल पोर्टल पर नहीं दिख रहा।
अंबिकापुर। Right to education नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार कानून यानी आरटीई के ऑनलाइन आवेदन भरते समय तकनीकी समस्याएं अब भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। पूरा आवेदन करने के बाद पोर्टल पर ऐरर का मैसेज आ रहा है। जबकि रिसाली क्षेत्र का कोई भी स्कूल पोर्टल पर नहीं दिख रहा। इससे क्षेत्र के लोगों को स्कूलों का चयन करने में परेशानी हो रही है। कई बार स्कूलों का नाम आ भी रहा है, लेकिन उसमें आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही। उधर, एक मार्च से पोर्टल को शुरू करने और फिर ३ मार्च को बंद करने के बीच जिन पालकों ने अपने बच्चों के ऑनलाइन आवेदन जमा करा दिए हैं, उनको अब पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने का विकल्प दे दिया गया है।
अब भी बरकरार है पोर्टल में दिक्कत
लोक शिक्षण संचालनालय के आरटीई पोर्टल में गड़बड़ी अब भी बरकरार है। १३ मार्च को आरटीई पोर्टल दोबारा से चालू किया गया है। सॉफ्टवेयर को अपडेट न करते हुए ही लॉन्च कर दिया गया। एक मार्च को आरटीई के आवेदनों के लिए पोर्टल चालू किया गया था, लेकिन चार मार्च को इसमें दिक्कत आने लगी। परेशानी बढ़ती देख पोर्टल को बंद कर दिया। पोर्टल पर नोटिस चस्पा किया गया कि, टेक्निकल ऐरर की वजह से पोर्टल को बंद किया जा रहा है। इसके बाद 14 मार्च को पोर्टल फिर शुरू किया गया। जब लोगों ने आवेदन करना शुरू किया तो इसमें वार्ड संख्या डालने की स्थिति में स्कूलों की सूची नहीं आ रही। बल्कि, स्कूल का विवरण नहीं है, का मैसेज डिस्प्ले हो रहा है। 31 मार्च आवेदन की आखिरी तिथि है।
इस तरह है आवेदन लॉटरी शेड्यूल
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा कानून (आरटीई) के आवेदन सर्कुलर के हिसाब से 1 मार्च से शुरू होने थे। किए गए आवेदनों पर नोडल को 17 मार्च से 25 अपै्रल के बीच दस्तावेजों की जांच करनी है। इसके बाद 1 और दो मई को लॉटरी निकलनी है। फिर 5 से 30 मई के बीच स्कूलों के दाखिले की प्रक्रिया का आगाज होना है। इसके बाद 2 से 16 जून के बीच द्वितीय चरण की शुरुआत होगी। 20 से 30 जून के बीच पंजीयन करेंगे और फिर 1 से 8 जुलाई तक दस्तावेजों की जांच होगी। लॉटरी के साथ आवंटन 14 और 15 जुलाई को करना है। जिले कि 546 निजी स्कूलों कि 5431 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।
यह चाहिए होगी पात्रता
पहले तक शहरी इलाकों में 2007 और ग्रामीण इलाकों में 2002 की सर्वे सूची के अनुसार जो पालक गरीबी रेखा की श्रेणी में आ रहे थे, उनके बच्चों का आरटीई में दाखिला हो रहा था। अब 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के अनुसार दाखिला होगा। इसके तहत अंत्योदय कार्डधारी परिवार के बच्चों को नर्सरी, केजी वन, केजी टू और कक्षा एक में दाखिला दिया जाएगा। जिले में लगभग ६ हजार और प्रदेश के 6,511 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत आरक्षित 25 फीसदी सीटों की संख्या 83,006 है। वर्तमान में इस योजना के तहत 3,01,317 बच्चे अध्ययनरत हैं।