Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल संगठन को एक बार फिर से झटका लगा है। बीजापुर में एनकाउंटर के डर और मुख्यधारा में लौटने पति-पत्नी समेत कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
Naxalite Surrender: कुछ दिन पहले नक्सलियों के सरेंडर को लेकर बड़ी खबर तेलंगाना से आई थी। यहां 60 नक्सलियों ने एक समूह में हथियार छोड़कर घर वापसी की थी। इसी बीच बीजापुर में एक साथ 19 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। बड़ी बात ये है कि इनमें से दश नक्सलियों पर 29 लाख रुपए का इनाम है। सरेंडर करने वाले नक्सली AOB यानी आंध्र-ओडिशा बॉर्डर और पामेड़ एरिया कमेटी के हैं।
बताया जा रहा है कि इन 19 नक्सलियों में से 9 नक्सलियों पर 28 लाख रुपए का इनाम घोषित है। सिर्फ पति-पत्नी ही 8-8 लाख रुपए के इनामी हैं। ये दोनों नक्सलियों के बटालियन नंबर 1 में सक्रिय थे। नक्सल कमांडर हिड़मा और देवा जैसे हार्डकोर नक्सलियों के साथ काम कर चुके हैं। ऐसे में पुलिस इनके सरेंडर को बड़ी सफलता मान रही है।
CM साय ने कही ये बात
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर जिले में 28 लाख रुपये के इनामी 9 नक्सलियों सहित कुल 19 नक्सलियों के सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ने पर सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने सुरक्षाबलों के मनोबल को लगातार ऊंचा बनाए रखने और बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण और विकसित भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025 का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है।
साय ने कहा कि कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत पर आखिरी कील ठोंकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतयोग्य है।
Naxalite Surrender: मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा तय है।
सरकार की प्रभावी रणनीति- लोगों का बढ़ा विश्वास
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में राज्य सरकार द्वारा लगातार सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार पर विश्वास बढ़ा है। इसी विश्वास के चलते नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं और नक्सली मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार, नक्सलवाद का दामन छोड़ मुख्य धारा में लौटने वाले लोगों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूरी तरह तत्पर है।
Naxalite Surrender: सरेंडर माओवादी के नाम
- देवा पदम
- दुले कलमू
- सुरेश कटटाम
- सोनी पूनेम
- नारायण कटटाम
- अंदा माडवी
- बामी कुहरामी
- नागा कटटम
- शंकर कड़ती
- मुन्ना पोड़ियाम
- सहला वाम
- नरसिंह राम पोड़ियाम
- शंकर माड़वी
- लखमा ताती
- पाण्डू माड़वी
- जोगा सोड़ी
- पिड़गा कटटम
- एर्रा सोढ़ी
- चिन्नाबी काका