0 मैनपाट तहसील के ग्राम कंडराजा, नर्मदापुर, उरंगा और बरिमा स्थित 1000 एकड़ शासकीय जमीन को निजी मद में दर्ज कराया, फिर पटवारी तहसीलदार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति प्रबंधक नर्मदापुर से मिलीभगत कर उक्त जमीन से धान विक्रय और बैंको से 100 करोड़ का लिया ऋण
अंबिकापुर. अंबिकापुर में बहुचर्चित जमीन घोटाले के बाद अब मैनपाट में 1000 एकड़ शासकीय जमीन घोटाला का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर के निर्देश पर सीतापुर एसडीएम ने तहसीलदार को जांच कर 7 दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा है। इस मामले में तहसीलदार ने 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है। 1 अप्रैल को जारी इस आदेश की कॉपी आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
सीतापुर एसडीएम द्वारा तहसीलदार को जारी आदेश में कहा गया है कि मैनपाट के ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि ग्राम कंडराजा, बरिमा, नर्मदापुर और उरगा की 1000 एकड़ शासकीय जमीन को ग्राम नर्मदापुर निवासी मोहन यादव द्वारा खुद और अपने परिजनों के नाम निजी मद में दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया है कि मोहन यादव द्वारा ग्राम कंडराजा स्थित खसरा नंबर 1, 39, 297, 300 व 301 की कुल 300 एकड़ जमीन निजी मद में दर्ज कराई गई है। इसी प्रकार ग्राम बरिमा स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 1135/1, 1135/2, 1135/3, 832/6 व 1333/18, ग्राम उरगा स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 24, 34, 81, 52, 293, 301, 319, 343, 320, 52/9 व 52/6 तथा ग्राम नर्मदापुर स्थित एक बड़ी शासकीय भूमि का अवैध बटांकन कर पटवारी तहसीलदार से मिलीभगत कर निजी मद में दर्ज कराया गया है।
को ऑपरेटिव बैंक से लिया ऋण
शिकायत में बताया गया है कि मोहन यादव द्वारा पटवारी, तहसीलदार व आदिम जाति सेवा सहकारी समिति प्रबंधक से मिलीभगत कर उक्त जमीन से बैंक से 100 करोड़ का ऋण लिया गया है। वहीं उक्त जमीन से धान विक्रय भी किया गया है।
तहसीलदार ने बनाई जांच समिति
एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार ने 6 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। इसमें मैनपाट आरआई नरेश कुमार मौर्य के अलावा पटवारियों में सत्यप्रकाश तिवारी, चंद्रदेव मिर्रे, दयाशंकर सांडिल्य, सूर्यकांत और राजकिशोर ekka शामिल हैं। इन्हें जल्द ही जांच कर प्रतिवेदन देने कहा गया है।