Bijapur Police-Naxal Encounter: ‘लाल आतंक’ के खिलाफ सबसे बड़े अभियान का आज 5वां दिन है। इसी बीच गलगम के जंगल में DRG का एक जवान नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए IED की चपेट में आ गया। बता दें कि 10 से 12 हजार जवानों ने बड़े कैडर के नक्सली लीडरों समेत 1500 नक्सलियों को पहाड़ी एरिया में घेर रखा है।
Bijapur Police-Naxal Encounter: बीजापुर-तेलांगना बॉर्डर पर ‘लाल आतंक’ के खिलाफ सबसे बड़े अभियान का आज 5वां दिन है। इसी बीच गलगम के जंगल में DRG का एक जवान नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए IED की चपेट में आ गया। बताया जा रहा है कि इस हादसे में जवान के पैरों में गंभीर चोट आई है। फिलहाल घायल जवान को तत्काल गलगम CRPF कैंप में प्राथमिक उपचार के बाद हेलीकॉप्टर से बीजापुर अस्पताल लेजाने की तैयारी की जा रही है।
आज 5वें दिन भी गोलीबारी जारी
बता दें कि, पांच दिनों से नक्सल ऑपरेशन जारी है। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में करीब 10 हजार जवान शामिल हैं। यहां हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े नक्सलियों और उनकी बटालियन को घेरा गया है। वहीं भीषण गर्मी के चलते जवानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है, जिसके कारण बीते शुक्रवार 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। सभी बीमार जवानों को सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से तेलंगाना के अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सबसे बड़े ऑपरेशन की दहशत में नक्सली
बता दें कि यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली ऑपरेशन है। इससे दहशत में आकर नक्सली संगठन ने एक बार फिर सरकार से शांति वार्ता की गुहार लगाई है। नक्सलियों ने इसके लिए प्रेस नोट भी जारी किया है।
प्रेस नोट में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की ओर से जारी पत्र में सबसे पहले बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तैनात सुरक्षाबल की संयुक्त कार्रवाई को तुरंत रोकने की मांग करते हुए सरकार से शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपील की है।
ब्यूरो के चिट्ठी में रूपेश ने साफ तौर पर कहा है कि बस्तर में बंदूक के दम पर शांति नहीं लाई जा सकती। उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही शांति वार्ता के लिए माहौल बनाने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। चिट्ठी में हाल ही में शुरू हुए कागार ऑपरेशन का भी जिक्र किया गया है, जिस पर रूपेश ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की संयुक्त कार्रवाई वार्ता के माहौल को नुकसान पहुंचा रही है।इसके साथ उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एक ओर बातचीत की बात होती है, तो दूसरी ओर जंगलों में फोर्स भेज दी जाती है। दावा है कि वे शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार की मंशा कुछ और ही दिख रही है। अंत में लिखा गया है कि वे सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
10 हजार से अधिक जवानों के घेरे में लगभग 1500 माओवादी
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ आज 5वें दिन भी जारी है। यह देशभर में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है, जिसमें 10 से 12 हजार जवानों ने बड़े कैडर के नक्सली लीडरों समेत 1500 नक्सलियों को पहाड़ी एरिया में घेर रखा है। सुरक्षा बल के जवान अब नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं। 2 हेलीकॉप्टर से नक्सलियों पर गोलीबारी और बमबारी कर उनका खात्मा किया जा रहा है।